जलविहार के लिए निकली सभी मन्दिरों के भगवानों की शाही सवारी

थाना परिसर दबोह में हुआ भगवान के डोलों का भव्य स्वागत

भिण्ड, 26 सितम्बर। दबोह नगर में एकादशी के पावन पर्व पर सोमवार को आधा दर्जन मन्दिरों से सभी इष्ट देवी-देवताओं की शाही सवारी जलविहार के लिए निकाली गई। जिसमें सबसे पहले सभी मन्दिरों के पुजारियों ने अपने-अपने मन्दिरों में विराजे देवी-देवताओं के विमान (डोले) मुरली मनोहर मन्दिर (बुधौलिया भवन) पर एकत्रित हुए। इसके बाद वहां से सभी डोल एक साथ जलविहार के लिए नगर के प्रसिद्ध करधेन तालाब के लिए रवाना हुए। इस शोभायात्रा के आगे डीजे पर मधुर भक्ति गीतों पर भक्त नाचते हुए चल रहे थे। मुरली मनोहर मन्दिर से प्रारंभ हुई शोभायात्रा बस स्टैण्ड, कोंच तिराहा, सब्जी मण्डी होती हुई करधेन तालाब पर पहुंची। जहां सभी देवी-देवताओं को जलविहार कराया गया।

इसके पश्चात सभी आराध्यों की सामूहिक महाआरती की गई और सभी को प्रसाद वितरण किया गया। तालाब पर थोडी देर रुकने के बाद सभी देवी–देवताओं के डोल अपने-अपने मन्दिर के लिए बापस चल दिए। जलविहार करके लौटे रहे भगवान का नगर वासियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर पूजा-अर्चना कर आरती उतारी और प्रसाद बांटा गया। वहीं दबोह थाना प्रभारी ने थाना परिसर में भगवान के डोलो की पूजा-अर्चना कर उनका भव्य स्वागत किया। जलविहार के लिए निकले डोलों में मुरली मनोहर मन्दिर (कैलाश बुधौलिया), राम-जानकी मन्दिर (लालजी गोस्वामी), रामलला सरकार (जितेन्द्र दुबे), लक्ष्मण सरकार (हरिओम लहरिया), राम-जानकी मन्दिर (गोपाल दीक्षित मण्डी), राम-सीता मन्दिर (वैकुंठ गोस्वामी) प्रमुख्य हैं। बता दें कि दबोह में 15 मन्दिर सरकार के यहां रजिस्टर हैं, जिन पर कई बीघा जमीन लगी हुई है। पर डोल ग्यारस के दिन सिर्फ मात्र छह ही मन्दिरों के पुजारी ही अपने देवी-देवताओं को जलविहार के लिए लेकर आते हैं।