ग्वालियर, 17 अगस्त। जिला न्यायालय की सीबीआई कोर्ट ने आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में पकडे गए सॉल्वर सत्येन्द्र सिंह और मूल परीक्षार्थी पुलंदर सिंह को चार-चार साल की सजा से दण्डित कर 16 हजार 200 रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है। इस मामले में दलाल इंदल सिंह को बरी कर दिया गया है, जो दोषी ठहराए गए पुलंदर सिंह का भाई है।
शासकीय अधिवक्ता धर्मेन्द्र शर्मा के मुताबिक कर्मचारी चयन आयोग द्वारा एसएससी सामान्य ड्यूटी आरक्षक भर्ती परीक्षा आठ साल पहले आयोजित कराई गई थी। प्रगति विद्यापीठ स्कूल मुरार सेंटर में परीक्षा के दौरान पुलंदर सिंह नामक युवक बैठा था, वहां मौजूद स्टाफ और पर्यवेक्षक को उस पर शंका हुई तो उन्होंने उससे पूछताछ की। तब उसने स्वीकार किया कि इसका नाम सत्येन्द्र सिंह है और वह फिरोजाबाद का रहने वाला है। वह पुलंदर सिंह के स्थान पर यह परीक्षा देने आया है। जबकि उसका नाम सतेन्द्र सिंह है। इसके एवज में उसे 50 हजार रुपए मिले हैं। मामले के प्रकाश में आते ही मुरार पुलिस को सूचना दी गई। मुरार पुलिस ने आरोपी पुलंदर सिंह और सत्येन्द्र सिंह को इस फर्जीवाडा मामले में आरोपी मानते हुए उनके खिलाफ परीक्षा अधिनियम एवं धोखाधडी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकद्दमा दर्ज किया गया था। बाद में सीबीआई कोर्ट में उनके खिलाफ चालान पेश किया, जहां न्यायालय ने उन्हें दोषी मानते हुए मूल परीक्षार्थी पुलंदर सिंह और सॉल्वर सत्येन्द्र सिंह को दोषी माना और उन्हें चार-चार साल की सजा से दण्डित किया है। सजा सुनाने के बाद दोनों आरोपियों को केन्द्रीय कारागार भेज दिया गया है।