34 व्यक्तियों के साथ छल करने वाले आरोपी को 170 वर्ष का कारावास

सागर, 28 जून। अष्टम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर अब्दुल्लाह अहमद के न्यायालय ने 34 व्यक्तियों के साथ छल करने वाले आरोपी नासिर मोहम्मद उर्फ नासिर राजपूत को दोषी करार देते हुए धारा 420 भादंवि के तहत प्रत्येक व्यक्ति के साथ किए गए छल के लिए पांच-पांच वर्ष के मान से कुल 170 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10 हजार रुपए जुर्माने के मान से कुल तीन लाख 40 हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। न्यायालय ने अपने निर्णय में यह उल्लेख किया कि सजा को क्रमवर्ती रूप में एक-एक के बाद एक को भुगताया जाएगा। अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी अपर लोक अभियोजक रामबाबू रावत ने की।
जिला अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि 12 अक्टूबर 2019 को पीडि़त के रूप में आवेदकगण अरविन्द जाटव, इश्हाक खान एवं नियाज खान ने आरोपी नासिर मुहम्मद एवं उसके परिवार के अन्य सात सदस्यों के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक सागर को इस आशय का शिकायत पत्र प्रस्तुत किया था कि एक व्यक्ति आवेदन दिनांक से 10-11 माह पूर्व से अपना नाम नासिर मुहम्मद बताता है तथा बाद में उसके आधार कार्ड से पता चला कि उसमें उसका नाम नासिर राजपूत लिखा हुआ है। वह ग्राम भैंसा में मुन्ना ऑटो ड्रायवर की ऑटो से आया था तथा बन्ने खां से ग्राम भैंसा किराये के मकान की आवश्यकता होना बताया था तथा वहां पर मुस्तकीम टेलर मास्टर के मकान में किराए से रहने लगा था। आरोपी नासिर एवं उसके परिवार के अन्य लोगों ने ग्राम भैंसा एवं सदर के लोगों को स्वयं को गुजरात का रहने वाला बताया। इसके अलावा उसने बताया कि उसका गुजरात का बंगला सात करोड़ 85 लाख रुपए में विक्रय हुआ है, परंतु आरबीआई ने मप्र में पैसा आने पर टैक्स के कारण रोक लगा दी है और टैक्स काटकर उसका पूरा पैसा उसके बैंक ऑफ बड़ौदा में आने वाला है। आरोपी ने उक्त बात सही बताने के लिए अपने मोबाईल नंबर पर बैंक का एसएमएस पासबुक की एंट्री लोगों को दिखाई। उक्त जानकारी आवेदक के अलावा अन्य लोगों ने भी देखी थी। आरोपी नासिर और उसके परिवार लोगों ने गांव में रहने वाले कई लोगों से जान-पहचान बनाई। उसने लोगों को बताया कि उसका गारमेंट्स एवं कपड़ों का व्यापार है, उसके परिवार में पुत्र साउल एवं दाउद का कम्बोडिया, वियतनाम एवं दुबई में कपड़ा एवं गारमेंटस का व्यापार है। आरोपी ने बताया कि लोग यदि कपड़ा फैक्ट्री खोलना चाहें तो वह उनका माल सप्लाई करने में मदद करेगा। उसके बाद पीडि़त इश्हाक ने अपने दामाद एवं अन्य लोगों की मदद से आरोपी के मार्फत फैक्ट्री का निर्माण किया, जिसमें उसका काफी धन खर्च हुआ। आरोपी नासिर ने कई लोगों को अपने जाल में फंसाकर फैक्ट्री लगाने के नाम पर बैंक पासबुक की एंट्री और बैंक एसएमएस दिखाकर लाखों रुपए छलपूर्वक हासिल किया है। आरोपी नासिर ने अरविन्द जाटव एवं कई लोगों से पैसा प्राप्त किया। आरोपी द्वारा लोगों के पैसा वापस न करने पर मुस्तकीम मास्टर का मकान छोडक़र सरदार कॉलोनी में परिवार सहित रहने लगा था, जहां के आस-पड़ोस के लोगों से जानकारी मिली थी कि आरोपी एवं उसके परिवार के अन्य लोग कई प्रकार की भाषाएं और कश्मीरी भाषा भी बोलते हैं। सूचनाकर्ता इश्हाक के वाहन से आरोपी को 17 सितंबर 2019 को भोपाल यह कहकर गया कि उसका पैसा आ रहा है, रिजर्व बैंक आफ इण्डिया भोपाल के अधिकारियों से मिलने एवं बैंक से पैसा निकालकर ला रहा है। भोपाल पहुंचकर कई लोगों को वीडियो कालिंग कर दिखाया कि आठ लाख 50 हजार रुपए उसने बैंक से निकाल लिया है और बांकी पैसा भी निकाल रहा है। 17-18 सितंबर 2019 की रात्रि में राजकुमार राठौर व पड़ोस के अन्य लोगों ने किराये के मकान के सामने आरोपी एवं उसके परिवार के लोगों से चिल्ला कर कहा था कि वह लोग आतंकवादी हैं, कई भाषाएं बोलते हैं, देश विरोधी बातें करते हैं। उसके बाद आरोपी के परिवार के लोग ही घर का सामान छोडक़र अपने आई टेन वाहन क्र. एम.एच.49 सी.ई.3435 से रातों-रात भाग गए और अपने-अपने मोबाईल बंद कर लिए थे। उसके पश्चात सूचनाकर्ता एवं अन्य पीडि़त आरोपी के गुजरात स्थित पते पर गए, वहां लोगों ने बताया कि इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं रहता है, न ही वहां पर उसका कोई मकान रिश्तेदार व परिवार रहता है। उसके बाद सूचनाकर्ता एवं अन्य पीडि़त व्यक्तियों ने गुजरात स्थित आरोपी के संबंधित गांव का पता किया जो वहां के सरपंच ने भी बताया कि नासिर नाम का कोई व्यक्ति वहां नहीं रहता है।
सूचनाकर्तागण ने नासिर राजपूत, उसकी पत्नी सारिया, उसके पुत्र दानिश, साउल, दाउद, सुलेमान एवं ईशापरी के मोबाईल नंबर भी पुलिस को बताए। आवेदन में पीडि़त पक्ष द्वारा यह भी निवेदन किया गया कि अनावेदकगण सागर नगर के कई लोगों से कई प्रकार के प्रलोभन देकर एवं अपनी बातों में फंसा कर लाखों रुपए लेकर भाग गए हैं। थाना प्रभारी केंट को कई लोगों ने आवेदन दिए, जिस पर केंट पुलिस द्वारा सरदार कॉलोनी में आरोपी के किराये के स्थित मकान को सील किया गया। सूचनाकर्तागण ने यह भी निवेदन किया कि आरोपी के किराए के मकान की जांच करने पर कई साक्ष्य मिल सकती है तथा नासिर के द्वारा दिए गए चैकों की कॉपी प्रस्तुत किया। इस प्रकार अनावेदकगण द्वारा फर्जी चैक देने राशि हड़पने एवं अन्य कारनामों से बचने हेतु उच्च स्तरीय जांच कार्रवाई की मांग अपने लिखित आवेदन के माध्यम से की।
पुलिस द्वारा मामले की विवेचना की गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी नासिर ने 34 से अधिक लोगों से छल करते हुए 72 लाख की राशि प्राप्त की है। विवेचना के दौरान पीडि़त व्यक्तियों के कथन लेख किए गए, चैक जब्त कर बैंक खातों से जानकारी प्राप्त की गई। अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां विचारण उपरांत अष्टम अपर-सत्र न्यायाधीश अब्दुल्लाह अहमद के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।