जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहे हैं तो लगाएं पानीपूरी का ठेला कलेक्टर : हेमंत

पूर्व विधायक हेमंत कटारे ने कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप
जिला शिक्षा अधिकारी हरिभुवन सिंह तोमर की गधे से की तुलना

भिण्ड, 11 सितम्बर। जिले में नियम विरुद्ध हुए पटवारियों, शिक्षकों और सचिवों के तबादलों को लेकर अटेर के पूर्व विधायक हेमंत कटारे ने अपने निवास पर प्रेसवार्ता आयोजित कर कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, जिला शिक्षा अधिकारी पर सत्तापक्ष के मंत्रियों पर इशारे पर कार्य करने के आरोप लगाए हुए कहा कि यदि आपके रहते हुए भ्रष्टाचार हो रहा है और यदि आप भ्रष्टाचार के हिस्सेदार नहीं हैं तब भी आपके ऊपर लांछन लगेगा। आप धृतराष्ट्र की भूमिका में नहीं बैठ सकते हो, क्योंकि यहां महाभारत नहीं जिला चल रहा है, लाखों लोग हैं, उनका जीवन है, उनकी दाल-रोटी का प्रश्न है। जिस प्रकार भाजपा के मंत्रियों की कठपुतली बन जिला प्रशासन द्वारा जाति विशेष को देखते हुए टारगेट कर उन लोगों के खिलाफ गलत मापदण्ड अनुसार कार्रवाई की जा रही है उसको देखते हुए हेमंत कटारे चुप नहीं बैठेंगा। आने वाली 20 तारीख तक गलत तरीके से किए गए ट्रांसफरों में सुधार नहीं किया गया तो 20 सितंबर को बड़ा आंदोलन कर कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। वहीं बाढ़ पीडि़त गरीबों को भी लाभ नहीं दिया जा रहा है, भाजपा के एजेंटों को पटवारियों द्वारा लाभ पहुंचाया जा रहा है, ऐसे लोगों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

शिक्षा विभाग में नियमों का उल्लंघन

पूर्व विधायक श्री कटारे ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि डीईओ ने भाजपा के क्षेत्रीय मंत्री के दबाव में कंडिका 19, 20 और 26 का क्रमश: उल्लंघन करते हुए नियम विरुद्ध स्थानांतरण किए, कंडिका 19 में किशुपुरा से शिक्षिका छाया भदौरिया को भिण्ड लाने के लिए एसएएफ प्राथमिक विद्यालय से उत्कृष्ट शिक्षक श्रीकृष्ण शर्मा को बिना किसी शिकायत के प्राथमिक विद्यालय किन्नौठा और किन्नौठा के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक पुष्पेन्द्र यादव को क्रमश: गोहद श्रृंखलाबद्ध तरीके से नियम विरुद्ध स्थानांतरण किया। कंडिका 20 के अनुसार सूची जारी नहीं की गई और न ही यह उल्लेख किया गया है कि स्थानांतरण स्वैच्छिक या प्रशासनिक तौर पर हुआ।

विकलांगों को भी नहीं बख्शा

शिक्षक प्रदीप शर्मा एवं एक अन्य विकलांग शिक्षक जो कि 40 प्रतिशत से भी अधिक श्रेणी में आता है, उनके भी बिना स्वेच्छा के अनुसार स्थानांतरण कर दिया, इतना ही नहीं लूट के इस खेल में पाठा गांव में दोनों शिक्षकों का स्थानांतरण कर विद्यालय शिक्षक विहीन ही कर दिया है।

तो पानीपूरी का ठेला लगाएं कलेक्टर

पूर्व विधायक हेमंत कटारे ने कहा कि कुछ लोग स्थानांतरण सूची लेने कार्यालय गए थे, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी ने न कॉल रिसीव किया और न ही सूची उपलब्ध करवाई। जब पार्टी के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस से सूची दिलवाने के लिए निवेदन किया तो इस पर कलेक्टर का कहना था कि जिला शिक्षा अधिकारी मेरा भी कॉल रिसीव नहीं कर रहे। इस पर टिप्पणी करते हुए श्री कटारे ने कहा कि जिस कलेक्टर के रहते हुए नियमों को धज्जियां उड़ाई गई हों, क्या जिला शिक्षा अधिकारी हरिभुवन सिंह तोमर इतने पावरफुल हैं जो कलेक्टर का कॉल रिसीव करना भी उचित नहीं समझता, इससे तो अच्छा होगा कि वे कलेक्टरी छोड़कर पानीपुरी का ठेला लगाएं तो बेहतर है।

सचिव और पटवारियों पर तीन से चार पंचायतों का प्रभार आखिर किसकी मेहरबानी?

श्री कटारे ने कहा कि सचिवों, शिक्षकों और पटवारियों के थोकबंद नियम विरुद्ध तबादले कर जमकर भ्रष्टाचार हुआ है, इतना ही नहीं अटेर विधानसभा में दद्दा टेक्स चरम पर है और उनके द्वारा अपने सचिव और पटवारियों को एक-एक सचिव पर तीन से चार पंचायतों के प्रभार हैं, आखिर किसकी मेहरबानी से? इससे स्पष्ट हो रहा है कि जिले में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है।

तो 20 को आंदोलन करेंगे पूर्व विधायक हेमंत कटारे

पूर्व विधायक हेमंत कटारे ने कहा कि यदि सात दिवस के अंदर नियम विरुद्ध किए गए स्थानांतरण सूची में परिवर्तन कर सही नहीं किया गया तो आने वाले 20 सितंबर को भिण्ड कलेक्ट्रेट परिसर में हजारों कार्यकर्ताओं और पीडि़त लोगों को साथ लेकर घेराव करेंगे।

जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला पंचायत सीईओ को निलंबित कर कराई जाए विभागीय जांच

श्री कटारे ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी हरिभुवन सिंह तोमर एवं जिला पंचायत सीईओ एके जैन को निलंबित कर विभागीय जांच की जाए। अन्यथा हम इसके लिए हाईकोर्ट की शरण मे भी जाएंगे। हेमंत कटारे के रहते भ्रष्टाचारियों के मंसूबे कभी सफल नहीं होंगे।

क्या मंत्री की चरण वंदना से मिला शिक्षक को प्राचार्य का प्रभार?

एक पत्रकार द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में पूर्व विधायक कटारे ने कहा कि मनेपुरा विद्यालय में पदस्थ शिक्षक टीकम सिंह को जवासा संकुल का प्रभारी बनाया गया, जबकि जवासा बड़ा संकुल है। शिक्षक के तौर पर मूलत: पदस्थ व्यक्ति को वरिष्ठ शिक्षकों की मौजूदगी के बावजूद आखिर संकुल का प्रभार एक कनिष्ठ शिक्षक को कैसे दिया गया, क्या यह मंत्री की चरण वंदना प्रतिफल है?
प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष जयश्रीराम बघेल, बाबा भगवान दास सैंथिया, सोमराज नरवरिया, डॉ. अनिल भारद्वाज, अरविंद बघेल, थान सिंह यादव और विनोद पंडित उपस्थित रहे।