भिण्ड को रेल यातायात में उड़ान देने केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने लिखा रेलमंत्री को पत्र

भाजपा नेता डॉ. रमेश दुबे की मांग पर नई ट्रेनों को संचालित करने हेतु सिंधिया ने की पहल

भिण्ड, 07 सितम्बर। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ. रमेश दुबे ने केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से दिल्ली स्थित उनके कार्यालय में पहुंचकर सौजन्य भेंट की और भिण्ड के रेल यातायात को और बेहतर करने के लिए ज्ञापन पत्र सौंपा।
भाजपा नेता डॉ. दुबे ने केन्द्रीय मंत्री सिंधिया को पत्र सौंप कर कहा कि कैलाशवासी बड़े महाराज के द्वारा भिण्ड को ब्रांडगेज रेलवे लाइन की सौगात दी गई थी किंतु तब से लेकर अब तक इस लाइन पर अन्य कोई विकास कार्य दिखाई नहीं दिया, चुनिंदा छोटी दूरी की डीजल रेलगाडिय़ों को ही संचालित किया जाता रहा है, अब चूंकि उक्त रेलवे लाइन का विद्युतीकरण किया जा चुका है, ऐसे में नई रेलगाडिय़ां जोकि पूर्व से भी प्रस्तावित हैं, उन्हें जल्द से जल्द वाया भिण्ड-इटावा चलाया जाए। डॉ. दुबे ने अवगत कराया कि कोरोना काल मे बंद की गई ग्वालियर भिण्ड पैसेंजर एवं इटावा कोटा एक्सप्रेस को त्वरित रूप से पुन: शुरू किया जाए।
भाजपा नेता ने मांग की कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर 2014 में सुशासन एक्सप्रेस वाया भिण्ड इटावा बलरामपुर तक चालाया जाना प्रस्तावित था, किंतु सीएसआर से एनओसी न मिलने की वजह से उक्त ट्रेन वाया निजामुद्दीन शुरू कर दी गई। इस ट्रेन को वाया भिण्ड इटावा होकर चलाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड में विचाराधीन है। उन्होंने यह भी बताया कि ओखा-गोरखपुर एक्सप्रेस व सूरत-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस जो गुना बीना झांसी ग्वालियर आगरा होते हुए इटावा पहुंचती हैं, इन दोनों ट्रेनों का भी वाया भिण्ड इटावा होकर चलाया जाना प्रस्तावित है और रेलवे बोर्ड में उक्त प्रस्ताव अटका हुआ है। साबरमती एक्सप्रेस को वाया भिण्ड इटावा चलाया जाना प्रस्तावित है, ग्वालियर बरौनी मेल वाया झांसी होकर कानपुर पहुंचती है, इस ट्रेन का भी रुट डायवर्ट कर भिण्ड होकर चलाया जाए, इसका प्रपोजल भी रेलवे बोर्ड में ही विचाराधीन है जो आज तक लंबित है। डॉ. रमेश दुबे के आग्रह पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सहमति जताते हुए केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने तथा और नई रेलगाडिय़ों को वाया भिण्ड इटावा चलाए जाने हेतु पत्र लिखा है।