संसार में कृष्ण और सुदामा जैसी मित्रता मिलना मुश्किल: रामभूषण दास

ग्राम मानहड़ में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का हुआ समापन

भिण्ड, 11 मई। मेहगांव क्षेत्र के ग्राम मानहड़ में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन गुरुवार को कथा व्यास रामभूषण दास महाराज ने कृष्ण और सुदामा की मित्रता का मनोहारी वर्णन किया।
उन्होंने ने कहा कि यदि हमें जीवन में सफल होना है तो कोई कृष्ण जैसा मित्र बनालो भव से पार हो जाओगे, सुदामा जी पर लाख मुसीबत पड़ी पर अपने मित्र के घर हाथ फैलाने कभी नहीं गए, किन्तु ईश्वर ने अपनी मित्रता को निभाते हुए उन्हें निहाल कर दिया। उन्होंने कहा मित्र वही है जो मित्र के काम आए, इस पर जोर देते हुए बाबा गोस्वामी तुलसीदास ने अपने पवित्र ग्रंथ रामचरित मानस मे लिखा है कि ‘जे न मित्र दुख होये दुखारी, तिन्हे विलोकत पातक भारी’ अथार्थ जो व्यक्ति अपने मित्र के दुख को देखकर दुखी नहीं होता उसको देखने में भी पाप लगता है।

भागवत कथा में मुख्य अतिथी के रूप में मौजूद संत कृपाल सिंह ने कहा कि धन्यवाद मानहड़ कि तपो भूमि जहां यह भव्य आयोजन संपन्न हुआ, धन्य है रज्जन भैया जिनके सानिध्य में कार्यक्रम संपन्न कराया। भागवत में वो शक्ति है जो पापों को नास करती है, इसके श्रवन मात्र से ही प्राणी को मुक्ति मिल जाती है, आज मानहड़ का कण कण धन्य हो गया। भागवत कथा में मुरैना जिला पंचायत अध्यक्ष आरती आकाश गुर्जर पुत्रबधू भगीरथ सिंह गुर्जर, भिण्ड विधायक संजीव सिंह कुशवाह संजू, भाजपा जिलाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नरवरिया, सुभाष थापक, हरिओम शर्मा मामा, महेश मिश्रा, पुरुषोत्तम राजौरिया, गणेश पाराशर, राजेश व्यास, शिवम डंडोतिया, रणवीर परमार, मुकेश सिंह भदौरिया, सोनू उपाध्याय सहित सैकड़ों श्रोता मौजूद रहे।