शंकराचार्य के संदेश को घर-घर पहुंचाना आवश्यक: स्वामी आदित्यपुरी

आचार्य शंकर के जीवन वृत्त पर आधारित व्याख्यानमाला आयोजित

भिण्ड, 02 मई। समाज में समरसता, समानता और एकात्मता के लिए आदिगुरू शंकराचार्य के संदेश को घर-घर पहुंचाना आवश्यक है, तभी हमारे देश में समुद्र सिटी और समभाव का वातावरण निर्मित होगा। यह बात अद्वैत मत के प्रवर्तक एवं संत श्री आदित्य पुरी महाराज ने कही। वे स्थानीय जिला पंचायत सभागार में मप्र जन अभियान परिषद भिण्ड और अटेर विकास खण्ड की आचार्य शंकर के जीवन वृत्त पर आधारित एक दिवसीय व्याख्यानमाला ‘एकात्म पर्व’ में बोल रहे थे। इस अवसर पर समाजसेवी अशोक सिंह राजावत, मित्र परिषद के संयोजक शैलेश नारायण सिंह, वरिष्ठ चिकित्सक एवं समाजसेवी डॉ. शैलेन्द्र परिहार, समाजसेवी श्रवण पाठक, अभासाप के जिलाध्यक्ष डॉ. परमाल सिंह सहित नवांकुर संस्थाओं के प्रतिनिधि, सीएमसीएलडीपी के छात्र, मेंटर्स, प्रस्फुटन समितियों के प्रतिनिधि सहित अन्य समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन, रूपरेखा एवं आभार प्रदर्शन मप्र जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक डॉ. शिवप्रताप सिंह भदौरिया ने किया।
जिला पंचायत सभागार में आचार्य शंकर पर आयोजित एकात्म पर्व व्याख्यानमाला में दीप प्रज्वलन और स्वागत भाषण, कार्यक्रम की रूपरेखा के बाद बोलते हुए स्वामी श्री आदित्य पुरी महाराज ने कहा कि सामाजिक विषमताओं का दौर सदैव से चलता रहा है, समाज में विभिन्न मतों के माध्यम से अपने-अपने संदेश दिए गए हैं, उनमें कुछ संदेश समाज को विकास की ओर प्रगति की ओर लेकर जाने वाले भी रहे हैं तो कुछ संदेश ऐसे भी रहे हैं जिनसे समाज में विघटन की स्थिति बनी, जातीय भेदभाव पनपा और सामाजिक विद्वेष बढ़ा। ऐसी स्थिति में आचार्य शंकर ने समाज में समरसता समानता और एकात्मता के लिए अद्वैत मत को साकार किया। जिससे कि समाज में एकरूपता आ सके उनका यह कार्य संसार को एक सूत्र में पिरोने का था सही मायने में हमें उनके संदेश को आज घर-घर पहुंचाने की आवश्यकता है।
समाजसेवी श्रवण पाठक ने कहा कि आज के इस आयोजन में आकर मन को शांति मिली है और यह विश्वास हुआ है कि हम सही दिशा में जा रहे हैं, ऐसे संतों के बारे में इन युवाओं को बताने कि आज के समय बेहद आवश्यकता है और यह काम जन अभियान परिषद बखूबी कर रहा है। आचार्य शंकर ने देश को एक नई दिशा प्रदान की यह हम सब जानते हैं, लेकिन उनके संदेशों को आज जन अभियान परिषद के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है, यह शासन का उत्कृष्ट कार्य है, यह निरंतर रहना चाहिए। आचार्य शंकर वह सूर्य थे जिन्होंने इस जगत को ज्ञान का एक नया प्रकाश दिया है। अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह शॉल और श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। व्याख्यानमाला में आभार प्रदर्शन डॉ. शिवप्रताप सिंह भदौरिया ने किया।