नाबालिगा के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कारावास

सागर, 29 अप्रैल। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा की अदालत ने नाबालिग के साथ जबरन दुष्कृत्य करने वाले आरोपी मुकेश लोधी को दोषी करार देते हुए धारा 376(1) भादंवि के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 323, 324 के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास एवं धारा 341 के तहत एक माह के साधारण कारावास की सजा से दण्डित किया है। न्यायालय ने पीडि़ता को तीन लाख रुपए युक्तियुक्त प्रतिकर दिलाए जाने का आदेश पारित किया है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पीडि़ता/ फरियादिया ने 17 जनवरी 2021 को महिला थाना सागर में रिपोर्ट लेख कराई कि उसके पिताजी एवं मां अनरय का त्योहार होने से 13 जनवरी 2021 के सुबह करीब आठ बजे रिश्तेदारी में गए थे। वह रोज की तरह सुबह करीब 8.45 बजे कोचिंग पढऩे जा रही थी, जैसे ही गांव से करीबन आधा किमी दूर पहुंची तो अभियुक्त मुकेश लोधी जो वहां पहले से बैठा था, जिसने उसे पकड़ लिया और जबरदस्ती खींचकर झाडिय़ों में ले गया और उसके साथ जबरन गलत काम (दुष्कर्म) किया। वह चिल्लाई तो किसी ने उसकी आवाज नहीं सुनी, गलत काम करने के बाद अभियुक्त मुकेश लोधी उससे बोला कि यदि किसी को इसके बारे में बताया तो उसे जान से खत्म कर देगा और उसकी बहन के साथ भी ऐसे ही गलत काम करेगा। अभियुक्त मुकेश लोधी उसे घसीटकर ले गया था, जिससे उसे कमर एवं दाहिने हाथ में छिलने के निशान पड़ गए थे और उसके कपड़े फट गए थे, फिर वह अपने घर आ गई किंतु डर के कारण किसी को कुछ नहीं बताया एवं माता-पिता के लौटने पर उन्हें घटना बताकर थाना में रिपोर्ट की। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर महिला थाना सागर पुलिस ने धारा 341, 376(2)(एन), 506 (भाग-2), 323, सहपठित धारा 324, 376(3) भादंसं व पॉक्सो एक्ट 2012 की धारा 5(एल), सहपठित धारा 6 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एव ंनवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उक्त सजा से दण्डित किया है।