भागवत कथा में हुआ श्रीकृष्ण जन्म और भक्त प्रहलाद कथा का वर्णन

रामजानकी पाताली हनुमान मन्दिर पर चल रही है श्रीमद् भागवत कथा

भिण्ड, 11 अप्रैल। श्री चित्रकूट रामजानकी पाताली हनुमान मन्दिर वीरेन्द्र नगर भिण्ड में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिवस कथा व्यास संत श्री प्रशांत महाराज ने श्रीकृष्ण जन्म और भक्त प्रहलाद की कथा का वर्णन करते हुए बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं, भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और वे गोकुल पहुंच गए। कथा व्यास ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं, जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा।

कथा व्यास प्रशांत महाराज ने श्रीकृष्ण कथा के वर्णन के तत्पश्चात भक्त प्रहलाद का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भक्त प्रहलाद ने माता कयाधु के गर्भ में ही नारायण नाम का मंत्र सुना था, जिसके सुनने मात्र से भक्त प्रहलाद के कई कष्ट दूर हो गए थे। उन्होंने कहा कि बच्चों को धर्म का ज्ञान बचपन में दिया जाता है वह जीवन भर उसका ही स्मरण करता है। ऐसे में बच्चों को धर्म व आध्यात्म का ज्ञान दिया जाना चाहिए। माता-पिता की सेवा व प्रेम के साथ समाज में रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल है। इस मौके पर संकीर्तन मण्डली की सदस्यों ने प्रभु महिमा का गुणगान किया। वीरेन्द्र नगर के सभी धर्म प्रेमी लोगों ने समस्त भगवत प्रेमियों से आग्रह किया है कि वह अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर धर्म लाभ उठाएं। कथा में आए मीडियाकर्मियों का कथा व्यास ने पटका और रुद्राक्ष भेंट कर आशीर्वाद दिया।