सुख हो या दु:ख भगवान की भक्ति में कभी पीछे नहीं हटते : विनय सागर

मुनिश्री के सानिध्य में रानी विरगवां में आठ दिवसीय 32 मण्डलीय सिद्धचक्र महामण्डल विधान शुरू

भिण्ड, 27 मार्च। इस दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति जो कुछ भी प्राप्त करता है, वह भगवान की कृपा से प्राप्त करता है, जब वह कुछ पाने की ललक में रहता है तब वह यह भूल जाता है कि भगवान से हमें यह चीज मांगनी चाहिए या नहीं। भगवान की कृपा से उसकी पूर्ति भी हो जाती है। पूर्ति होने के बाद जो व्यक्ति अपने भगवान के उपकार को भूल जाता है, वहीं संसार में भटकता रहता है। किंतु जो व्यक्ति संसार की हर एक वस्तु को पाकर की भगवान को कभी नहीं भूलता है, वह हमेशा सुख शांति से जीवन व्यतीत करता है। यह बात श्रमण मुनि श्री विनय सागर महाराज ने सोमवार को जिले के ग्राम रानी विरागवां स्थित आदिनाथ जैन मन्दिर में आयोजित 32 मण्डलीय सिद्धचक्र महामण्डल विधान के शुभारंभ पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहीं।
मुनि श्री विनय सागर महाराज ने कहा कि हम बचपन से लेकर अब तक हमेशा भगवान की भक्ति करते हैं। सुख हो या दुख, भगवान की भक्ति में हम कभी पीछे नहीं हटते। भगवान ने आपको सब कुछ दिया है, तो बदले में हमने भगवान को क्या दिया है, इस बात पर विचार करने वाला व्यक्ति निश्चित रूप से धर्मात्मा बन जाता है और भगवान की भक्ति करने लगता है। हमारे पास जो कुछ भी है भगवान की कृपा से आया है, इसलिए हम संसार में रहें किंतु भगवान की भक्ति को ना छोड़ें। उन्होंने कहा कि हम अपने जीवन में संसार के विषयों में हमेशा जागृत रहते हैं, किंतु भगवान की भक्ति में सोए रहते हैं।
घटयात्रा निकालकर एवं ध्वजारोहण कर किया विधान का शुभारंभ
आयोजन के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि श्रमण मुनि श्री विनय सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में आदिनाथ जैन मन्दिर से गाजे-बाजे के साथ घटयात्रा निकली गई। घटयात्रा मन्दिर से शुरू होकर गांव में भ्रमण करती हुई वापस जैन मन्दिर कार्यक्रम स्थल पहुंची। महिला सिर पर मंगल कलश लेकर भक्ति भजनों पर नृत्य करती हुईं चल रही थीं, वहीं पुरुष धोती-दुपट्टे में जयकारे लगाते चल रहे थे। जगह-जगह लोग मुनि श्री विनय सागर महाराज का पादप्रक्षालन कर मंगल आशीर्वाद ले रहे थे। कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर मुनिश्री के सानिध्य व विधानचार्य पं. राजेन्द्र जैन शास्त्री मगरौनी के मार्गदर्शन में सिद्धचक्र विधान का शुभारंभ मनोज जैन परिवार दिल्ली ने जैन ध्वजारोहण कर किया।
आठ दिवसीय विधान आज से, प्रतिदिन होंगे कार्यक्रम
आयोजन समिति के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि 28 मार्च से चार अप्रैल तक प्रतिदिन सुबह 6.30 बजे से जाप्यानुष्ठान, सात बजे से श्री जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक शांतिधार, 8.30 बजे नित्यपूजन व सिद्धचक्र महामण्डल विधान होगा। वहीं शाम 6.30 बजे से महाआरती, शास्त्र प्रवचन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।