अभियोजन कार्यालय ग्वालियर में आयोजित साइबर जागरुकता कार्यक्रम में वक्ताओं ने दी जानकारी
ग्वालियर, 10 फरवरी। जिला सत्र न्यायालय परिसर ग्वालियर के जिला अभियोजन कार्यालय में साइबर अपराध एवं साइबर ठगी के मामलों को लेकर एक जागरुकता व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि साईबर एसपी सुधीर अग्रवाल एवं मुख्य वक्ता के रूप में साइबर थाने के पुलिस अधिकारी एसआई शैलेन्द्र राठौर उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डीपीओ प्रवीण दीक्षित ने की।
जिला अभियोजन के मीडिया सैल प्रभारी एडीपीओ अभय प्रताप सिंह ने कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में न्यायालय के सामने दिनों दिन साइबर अपराध के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिसमें साक्ष्य प्रस्तुति एक चुनौती के रूप में सामने आ रही है। इस विषय पर अभियोजन अधिकारियों को जागरुक करने एवं मामले को प्रमाणित करने संबंधी महत्वपूर्ण बिंदुओं को लेकर जिला अभियोजन कार्यालय में साइबर क्राइम पर व्याख्यान आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम में एसपी साइबर सुधीर अग्रवाल ने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि आज का दौर साइबर इंटरनेट और सोशल मीडिया के अपराधों की नई चुनौतियों का दौर है, जिसमें पुलिस को अनुसंधान के तरीकों को बदलना पड़ रहा है। साइबर अपराधियों से निपटने के लिए अब पुलिस को भी तकनीकी रूप से दक्ष होना पड़ा है। साइबर पुलिस ने बैंक फ्रॉड, इंटरनेट फ्रॉड एवं अन्य साइबर मामलों में साक्ष्य जुटाने से लेकर मामले को सजा के स्तर तक पहुंचाने के लिए नई तकनीकों से खुद को लैस किया है।
मुख्य वक्ता शैलेन्द्र राठौर ने साइबर क्राइम के अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि अधिकतर मामलों में साइबर अपराधी उन लोगों को अपना शिकार बनाते हैं, जो तकनीकि रूप से सक्षम नहीं होते या जो ऑनलाइन खरीददारी अथवा ऑनलाइन फायदे के लालच में आसानी से आ जाते हैं। एसआई राठौर ने कहा कि साइबर अपराध से बचने के लिए जरूरी है कि आप समय-समय पर अपने अपने इंटरनेट राउटर, 5जी फाइबर, बैंक अकाउंट, यूपीआई अकाउंट सोशल मीडिया अकाउंट के पासवर्ड को बदलते रहें और किसी भी अनजान व्यक्ति को ना तो अपना पासवर्ड दें और ना ही उसके साथ किसी भी तरह की ओटीपी या लिंक शेयर करें। राठौर ने साइबर अपराध के संबंध में रोचक जानकारी देते हुए बताया कि आपके घरों में जो स्मार्ट टीवी लगा हुआ है, हैकर्स उसे आसानी से हैक कर सकता हैं और आपके निजी पलों की तस्वीरें स्मार्ट टीवी के जरिए लिया जाना संभव हो सकता है। इसलिए जहां तक संभव हो स्मार्ट टीवी अपने बैडरूम में नहीं लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप कभी भी किसी अन्य व्यक्ति को अपनी सिम चलाने के लिए ना दे और ना ही अपने दस्तावेजों के जरिए किसी और को सिम दिलाएं, अन्यथा आप बड़ी परेशानी में फंस सकते हैं।
कार्यक्रम के समापन पर डीपीओ प्रवीण दीक्षित ने समय-समय पर पुलिस एवं अभियोजन के बीच ऐसे कार्यक्रम आयोजित कराने पर जोर दिया और कहा कि भविष्य में शीघ्र साइबर अपराधों को लेकर एक बड़ी संभागीय कार्यशाला के आयोजन का प्रयास किया जाऐगा। साइबर जागरुकता कार्यक्रम में जिला अभियोजन कार्यालय के समस्त अधिकारी, पुलिस विवेचक तथा कार्यालयीन स्टाफ उपस्थित रहा।