विजयराम दासजी के तप से प्रकाशमान है खनेता धाम

खनेता धाम में सनातन धर्म महासमागम का पांचवा दिन

भिण्ड, 03 फरवरी। साकेतवसी विजयराम दासजी महाराज की 25वी पुण्यतिथि पर रजत जयंती समारोह सनातन धर्म महस्मगम पर जगतगुरु शंकराचार्य वसुदेवानंद सरस्वती जी ने कहा कि बहुत कठिन होता है संतों का मिलना, संत अगर मिल जाएं तो जीवन धन्य हो जाता है। भगवान सूर्य के प्रकाश से सिर्फ भौगोलिक रोशनी प्राप्त होती है, लेकिन संत एव महापुरुषों का साथ मिल जए तो आंतरिक व बाहरी अंधकार दूर हो जाता है। इसका प्रत्यक्ष उदहारण खनेताधाम है, जो साकेतवसी विजयराम दासजी की तप साधना से प्रकाशमान हो रहा है। साथ ही खनेताधाम में गुरु शिष्य परम्परा का भी महामण्डलेश्वर रामभूषण दासजी महाराज द्वारा किया जा रहा है। रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी का प्रकाश पूरे विश्व में फैल रहा है, कोई भी वक्ता हो, बिना रामचरितमानस की चौपाई का प्रयोग किए बिना अपना पक्ष नहीं रख सकता।

रघुनाथजी का मन्दिर खनेताधाम में आयोजित सनातन धर्म सम्मेलन में व्यास गद्दी से श्रवनानंद जी महाराज ने कहा कि हमें फ्री के चक्कर में नहीं रहना चाहिए, क्योंकि ये राजनेता हमें फ्री का सब्जबाग दिखाकर स्वयं करोड़पति हो जाते हैं, कोई भी नेता हमें अपनी जेब से नहीं देता है, हमें कभी भी राजनीतिक दलों के बहकावे में नहीं आना चाहिए। कितने दुर्भाग्य की बात है कि 135 करोड़ की जनसंख्या में 80 करोड़ जनता को नि:शुल्क खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है, अगर हम सभी लोग फ्री के चक्कर मे रहेंगे तो राष्ट्र का निर्माण कैसे होगा। जब ब्रज में नंदबाबा के यहां लाला का जन्म हुआ तो उत्सव मनाया गया, उस उत्सव का भी कर नंद बाबा ने कंस को दिया, इसलिए हमें भी समय-समय पर कर जमा करना चाहिए, हमें भीख की वृत्ति त्यागना पड़ेगी।