मुक्तिधाम पर टीनशेड एवं चबूतरा हुआ क्षतिग्रस्त, दाह संस्कार में होती है परेशानी

बारिश होने पर लोगों को खुद टीन के पत्रा लगाने पड़ते हैं, तब कर पाते दाह संस्कार

भिण्ड, 02 फरवरी। आलमपुर कस्बे में खोडऩ मोहल्ले के समीप स्थित मुक्तिधाम के अंदर दाह संस्कार के लिए बना टीनशेड तथा चबूतरा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे लोगों को दाह संस्कार करने में परेशानी होती है। लेकिन नगर परिषद लोगों की इस महत्वपूर्ण समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रही है।
गुरुवार को संवाददाता ने खोडऩे मोहल्ले के पास स्थित मुक्तिधाम का अवलोकन कर बताया कि इस मुक्तिधाम का वर्षों पहले लाखों रुपए की लागत से सौंदर्यीकरण कराया गया था। इस दौरान मुक्तिधाम के अंदर दाह संस्कार के लिए एक लम्बा चौड़ा पक्का चबूतरा बनवाकर उस पर टीनशेड लगवाया गया था। लेकिन दाह संस्कार के लिए लगा टीनशेड पिछले करीब दो वर्ष से क्षतिग्रस्त अवस्था में पड़ा है। बारिश होने पर टीनशेड से पानी टपकता है, इस दौरान लोगों को खुद टीन के पत्रा लगाना पड़ते हैं। तब कहीं लोग मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार कर पाते हैं। तो वहीं चबूतरा का फर्स धसक गया है, जिसकी वजह से चबूतरा पर बारिश का पानी भर जाता है। जिससे लोगों को दाह संस्कार करने में भारी परेशानी होती है। अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बाहर से आने वाले लोग मुक्तिधाम के अंदर टीनशेड एवं चबूतरा की दुर्दशा को देखकर स्थानीय लोगों से सवाल करते हैं कि नगर परिषद मुक्तिधाम की भी दशा नहीं सुधरबा पा रही है।

इधर कुछ लोगों का कहना है कि मुक्तिधाम की बाउण्ड्री के नीचे कई जगह मिट्टी का कटाव हो चुका है। जिससे सर्दियों में आवारा कुत्ते मुक्तिधाम के अंदर घुस जाते है और दाह संस्कार के बाद चबूतरे पर पड़ी भस्म पर जाकर बैठ जाते है। यही नहीं बाउण्ड्री के नीचे मिट्टी के कटाव के कारण मुक्तिधाम की बाउण्ड्री क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में पहुंच चुकी है और कभी भी मुक्तिधाम की बाएण्ड्री धराशायी हो सकती है। संवाददाता ने बताया कि मुक्तिधाम के अंदर एक कमरा तथा बरामदा बना हुआ है, जिसकी कई वर्षों से पुताई नहीं हुई है, गेट पर लगे बोर्ड के अक्षर तक मिट गए है।

इसी प्रकार आलमपुर कस्बे में वार्ड क्र.12 में बने मुक्तिधाम पर जाने वाली सड़क के किनारे दोनों ओर कटीली झाडिय़ां खड़ी हुई हैं, जिससे दाह संस्कार के लिए जाने वाले लोगों को निकलने में परेशानी होती है। लेकिन नगर परिषद आलमपुर द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आलमपुर कस्बे के लोगों का कहना है कि नगर परिषद कस्बे में निर्माण कार्यों पर लाखों रुपए खर्च करती रहती है। लेकिन नगर के मुक्तिधामों की दुर्दशा की ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है।