नाबालिग से छेडख़ानी करने वाले आरोपी को पांच वर्ष का कारावास

सागर, 28 दिसम्बर। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा की अदालत ने घर में घुसकर बुरी नियत से नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी नतिन उर्फ छोटू पुत्र हेमराज वाल्मीकि को दोषी करार देते हुए भादंसं 1860 की धारा 451 के तहत दो वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 354 के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 323 (दो शीर्ष) के तहत एक-एक वर्ष सश्रम कारावास एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 9(उ) सहपठित धारा-10 के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास व दो हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। उक्त मामले में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक मनोज पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का विवरण संक्षेप में इस प्रकार है कि अभियोक्त्री ने थाना मकरोनिया में रिपोर्ट लेख कराई कि आठ मई 2019 को सुबह करीब नौ बजे उसके पापा दीदी को देखने चले गए थे, वह और उसका छोटा भाई घर पर थे, घर का दरवाजा अंदर से बंद था। दोपहर करीब चार बजे उसके पड़ोसी का भाई जिसे छोटू कहकर बुलाते थे वह दरवाजे के बाहर आया तथा बिना आवाज दिए दरवाजा जाली के अंदर हाथ डालकर खोल लिया और अंदर आकर दरवाजे की कुण्डी अंदर से लगा दी। उसने पूछा कि क्यों आए हो, तो वह उसे गालियां देने लगा तथा उसके गाल पर चांटा मारा। फिर उसके छोटे भाई को चांटा मारा व उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा, इतने में उसके पापा आ गए तो वह छुप गया। पापा ने छोटू को पकड़ लिया और फोन लगाया तो छोटू हाथ छुड़ाकर भाग गया। उसने पूरी बात अपने पापा व फूफा को बताई। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार कर अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना मकरोनिया जिला सागर पुलिस नेा भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 452, 354, 294, 323(दो शीर्ष), 506(भाग-2), लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 9(उ)/10(दो शीर्ष) का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा की अदालत ने अभियुक्त नतिन उर्फ छोटू वाल्मीकि को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।