नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास

न्यायालय ने पांच हजार का अर्थदण्ड भी लगाया

सागर, 28 दिसम्बर। तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) जिला सागर सुश्री नीलम शुक्ला की अदालत ने नाबालिग को बहला फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कृत्य करने वाले आरोपी पप्पू पुत्र लखन साहू निवासी अंतर्गत थाना सानौधा को दोषी करार देते हुए धारा 366 भादंवि के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास व दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 368 के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास व दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 376(2)(एन) के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। पीडि़ता का दो लाख रुपए प्रतिकर दिलाए जाने का आदेश न्यायालय ने पारित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि बालिका के पिता ने थाना सानौधा में रिपोर्ट लेख कराई कि 11 अगस्त 2015 को शाम करीब सात बजे बालिका शौच का कहकर गई थी, वहीं से गुम हो गई थी व ढंूढने पर नहीं मिली। कोई अज्ञात व्यक्ति बालिका को बहला फुसलाकर भगाकर ले गया है। विवेचना के दौरान दो सितंबर 2015 को बालिका के दस्तयाब होने पर बालिका ने बताया कि अभियुक्त उसे धमकी देकर अपने साथ जबलपुर ले गया था, जहां अभियुक्त ने मुझे उसकी बहिन के पति के घर रखा और उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना सानौधा में धारा 363, 366(क), 368, 376 भादंसं एवं धारा 5/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरुद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) सुश्री नीलम शुक्ला की अदालत ने दोषी करार देते हुए आरोपी को पप्पू साहू को उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।