कंपनी संचालक बिना नाम डाले चला रहे कारखाना, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

भिण्ड, 18 दिसम्बर। औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर में कुछ कंपनियां अपने मनमाने तरीके से चला रही हैं, जिनको बाहर से देखने से लगता ही नहीं कि कंपनी चालू है या बंद। क्योंकि कारखानों के बाहर ना तो कंपनी का नाम डाला हुआ है और ना ही रजिस्ट्रेशन नंबर और कंपनियां अंदर से चालू हैं। मटेरियल से प्रोडक्ट जो बनाती हैं। यह जानकारी कंपनियों के गार्ड ने दी।
कंपनियां चालू हैं लेकिन कंपनी के संचालक बेझिझक प्रशासन से बेखौफ होकर बिना नाम का वोर्ड लगाए कंपनियों में अपना काम करवा रहे हैं, कंपनी चालू है। विभागीय अधिकारियों का ध्यान ऐसे कंपनी संचालकों पर क्यों नहीं जाता। क्या प्रशासन ने इनको छूट दे रखी है कि अपने मनमानी तरीके से ही यह काम कर रहे हैं। क्योंकि कई कंपनियां जो बन रही हैं वह भी तीन साल से अपना प्रोडक्शन कर रही हैं, ना ही वेतन अधिनियम का पालन किया जा रहा है, ना ही आठ घण्टे काम के अधिकार का पालन किया जा रहा है। यह खेल निरंतर मालनपुर उद्योग क्षेत्र में कई उद्योगों में चल रहा है। आठ घण्टे की जगह 12 घण्टे काम लिया जा रहा है, मगर मजदूर को चार घण्टे का डबल ओवरटाइम नहीं दिया जाता। सरेआम श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और अधिकारी कुभकरणी की नींद में सोए हुए हैं।


इनका कहना है-

आपने मुझे जानकारी दी है, मैं दिखाता हूं, अगर ऐसा पाया गया तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
अशोक पाठक, लेबर इंस्पेक्टर
कई बड़ी कंपनियां भी बीमा अधिनियम का पालन नहीं कर रही हैं, दुर्घटना होने पर श्रमिक की काम से छुट्टी व इलाज में नुकसान होता है। आने वाले समय में सीटू की क्षेत्रीय कमेटी आंदोलन की रणनीति पर काम कर रही है।
चोखेलाल सिंह, अध्यक्ष, सीटू क्षेत्रीय कमेटी मालनपुर