नाबालिगा से छेडख़ानी करने वाले आरोपी को तीन वर्ष का कारावास

सागर, 15 दिसम्बर। तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला सागर सुश्री नीलम शुक्ला की अदालत ने नाबालिगा के साथ छेडख़ानी करने वाले आरोपी नंदकिशोर पुत्र मुन्नालाल प्रजापति निवासी अंतर्गत थाना शाहगढ़ को दोषी करार देते हुए धारा 354 भादंवि के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 7/8 के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता/ बालिका ने पुलिस थाना शाहगढ़ में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह दो जनवरी 2019 के शाम करीब पांच बजे घर के पास जंगल की तरफ शैच के लिए गई थी, वापस आते समय उसे अभियुक्त नंदकिशोर प्रजापति एवं उसका साथी मिला। अभियुक्त नंदकिशोर ने बुरी नियत से मेरा दाहिना हाथ पकड़ लिया। मेरे चिल्लाने पर मेरी बुआ आ गई, जिसे देखकर दोनों भाग गए। फिर मैंने घर आकर अपनी मां, पिता व दादी को घटना के बारे में बताया। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना शाहगढ़ पुलिस ने धारा 354, 506, 34 भादंवि, धारा 9डी/10 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं 3(1)(द), 3(1)(प) अजा/जजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन ने साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत न्यायालय तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) सुश्री नीलम शुक्ला की अदालत ने दोषी करार देते हुए धारा 354 भादंवि के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपए अर्थदण्ड एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 7/8 के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है।