मूक बधिर से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को तीन वर्ष का कारावास

अभियोक्त्री द्वारा राजीनामा करने के बाद भी आरोपी को हुई सजा

सागर, 12 दिसम्बर। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) एवं नवम अपर सत्र न्यायाधीश जिला-सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा की अदालत ने मूकबधिर के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को दोषी करार देते हुए धारा 354 भादंवि में तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धमेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी मनोज कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि अभियोक्त्री की मां ने रिपोर्ट लेख कराई कि 13 मई 2019 को सुबह करीब 10 बजे उसका बड़ा लड़का, बहू व लड़की शादी में गांव गए थे। घर पर वह और उसकी लड़की अभियोक्त्री जो मूकबधिर है, बोलना नहीं जानती इशारों में बात करती है, वह घर के अंदर काम कर रही थी, तभी उसके देवर का लड़का जो उसी मकान में रहता है, अभियोक्त्री का बुरी नियत से हाथ पकड़ कर सीढिय़ों तरफ ले गया, अभियोक्त्री चिल्लाई तो वह पहुंची तो आरोपी ने बुरी नियत से अभियोक्त्री को पकड़े हुए था जिसे उसने छुड़ाया। इसके बाद आरोपी वहां से भाग गया। 15 मई 2019 को उसके लड़का, लड़की के वापस आने पर सारी बात बताई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना मोतीनगर पुलिस नेा भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 376(2)(स), 376(2)(ई), 354 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(द), धारा 5(अ), सहपठित धारा 6, धारा 9(द), सहपठित धारा 10 व धारा 9(अ) सहपठित धारा 10 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन ने साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया एवं अंतिम तर्क के दौरान न्यायदृष्टांत प्रस्तुत किए गए और अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। प्रकरण में महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि अभियोक्त्री द्वारा विचारण के दौरान आरोपी से राजीनामा कर लिया था, अभियोजन द्वारा महत्वपूर्ण न्यायदृष्टांत पेश कर मामले को प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) एवं नवम अपर सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा की अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए धारा 354 भादंवि के अंतर्गत तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।