प्राचीन नरसिंह मन्दिर पर सरजूदास महाराज को नियुक्त किया पुजारी

संपत्ति की नीलामी का अधिकार तहसीलदार को

भिण्ड, 06 दिसम्बर। गोहद नगर के वार्ड क्र.10 में बने अतिप्राचीन श्री नरसिंह मन्दिर पर लम्बे समय से विवाद का पटाक्षेप राजस्व और पुलिस प्रशासन की विधिक सूझबूझ से हो गया है। अभी तक मन्दिर में श्रृद्धालुओं को दर्शन करने जाने में आपराधिक व्यक्तियों से डर भय का वातावरण मिल रहा था। एसडीएम गोहद शुभम शर्मा ने मन्दिर पर महंत सरजूदास, गुरू दयारामदास को पुजारी नियुक्त कर दिया है। पुलिस ने भी माहौल को शांत करने में अहम भूमिका निभाई।
ज्ञात हो कि मन्दिर के महंत श्री दयाराम दास के ब्रह्मलीन हो जाने के पूर्व से मन्दिर की पूजा अर्चना व देखभाल उनके शिष्य महंत सरजूदास जी कर रहे थे। लेकिन महंत दयाराम दास के पारिवारिक नाती के रूप में प्रेमकिशोर ने मन्दिर महंत होने का दावा प्रस्तुत किया, जिसके चलते पूजा अर्चना में व्यवधान पैदा हो रहा था। पुलिस ने सजगता और तत्परता दिखाते हुए आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामले कायम किए और मन्दिर पर शांति का वातावरण कायम करने में एसडीओपी सौरभ कुमार और थाना प्रभारी राजेश सातनकर की भूमिका सराहनीय रही। पुजारी नियुक्त हो जाने के बाद मन्दिर में जाने वाले श्रृद्धालुओं और जनता में हर्ष का माहौल है।
गोहद एसडीएम शुभम शर्मा ने आदेश दिया कि मन्दिर पुजारी पद पर पूजा अर्चना के लिए संत श्री सरजूदास महाराज को नियुक्त किया जाता है। मन्दिर की चल अचल संपत्ति पर केवल देख-रेख का अधिकार पुजारी का रहेगा। शासकीय देवस्थान प्रबंधन समिति नियम 2019 के कंडिका 4 (1)(2)(3) के तहत तहसीलदार गोहद एवं मौ मन्दिर कोष के लिए किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता खुलवाएं, मन्दिर एवं देवस्थान की भूमि से प्राप्त आय मन्दिर कोष में जमा कराएं तथा देवस्थान स्तरीय समिति के सहयोग से देवस्थान मन्दिर की कृषि भूमि नीलामी नियम अनुसार कराएं और मूल्यवान वस्तुओं का मूल्यांकन करवाकर सुरक्षित कोषालय अथवा मालखाने में जमा करना होगा।