नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को तीन वर्ष सश्रम कारावास

सागर, 22 नवम्बर। तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश जिला सागर नीलम शुक्ला के न्यायालय ने नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी मोहन माली को दोषी करार देते हुए धारा-354 भादंसं के तहत तीन वर्ष का सश्रम कारावास तथा एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 354-डी के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास तथा एक हजार रुपए अर्थदण्ड, पॉक्सो अधिनियम की धारा-7/8 के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा के अनुसार घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादिया ने 13 सितंबर 2021 को पुलिस थाना मोतीनगर जिला सागर में रिपोर्ट दर्ज कराई कि अभियुक्त मोहन माली कई दिनों से उसे परेशान कर रहा है और उससे बात करने के लिए कहता है व बात न करने पर वह उसके घर वालों को जान से खत्म करने की धमकी देता है। आज शाम करीब पांच बजे बालिका अपने स्कूल से घर के लिए जा रही थी तो अभियुक्त मोहन माली बुरी नियत से उसका पीछा करते हुए ओवर ब्रिज के पास उसे मिला और उससे बोलने लगा कि वह उससे बात क्यों नहीं करती, बालिका के मना करने पर वह बुरी नियत से बालिका का हाथ पकड़कर उसके साथ झूमा झटकी करने लगा। बालिका के साथ उसकी सहेली भी थी। जब बालिका ने चिल्लाने की कोशिश की तो अभियुक्त मोहन माली उसे जान से मारने की धमकी देकर भाग गया। बालिका ने अपने घर आकर पूरी घटना अपने पिता एवं दादी को बताई। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख कर घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना मोतीनगर पुलिस ने धारा 354, 354घ, 506 भादंसं एवं 7/8, 11/12 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश जिला सागर की अदालत ने आरोपी को उपरोक्तानुसार दण्डित किया है।