सागर, 10 जून। नवम अपर सत्र न्यायाधीश सागर श्रीमती नीलू संजीव श्रृंगीऋषि के न्यायालय ने नाबालिग बालिका से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त राहुल लोधी का जमानत हेतु प्रस्तुत आवेदन निरस्त कर दिया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने राज्य शासन की ओर से पक्ष रखा।
सहायक मीडिया प्रभारी/ जिला लोक अभियोजन जिला सागर के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 22 मई 2021 को फरियादी अपने परिवार के अन्य सभी सदस्यों के साथ घर में सो गया, सुबह करीब तीन बजे देखा कि उसकी नाबालिग बेटी अपने कमरे में नहीं थी। फरियादी ने अपनी पत्नी से पूछा कोई जानकारी नहीं मिली। तब फरियादी ने आस-पड़ोस में पता किया एवं रिस्तेदारी में फोन लगाया, जिसका कुछ भी पता नहीं चला। उक्त घटना की रिपोर्ट फरियादी में थाना नरयावली में उपस्थित होकर दर्ज कराई। अज्ञात आरोपी के विरुद्ध धारा 363 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मेें लिया गया। विवेचना के दौरान अभियोक्ति को दस्तयाब किया गया, अभियोक्ति ने अपने कथनों में बताया कि आरोपी राहुल लोधी उसे बहला-फुसला के ले गया था एवं उसके साथ जबरदस्ती गलत काम किया। अभियोक्त्री के कथनों के आधार पर प्रकरण में धारा 366(ए), 376 भादवि एवं 5/6 पॉक्सो एक्ट का इजाफा किया गया। आरोपी की तलाश कर उसको गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। आरोपी के अधिवक्ता ने न्यायालय में जमानत आवेदन प्रस्तुत किया, जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया और महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किए। न्यायालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दोनों पक्षों को सुना, अपराध की गंभीरता को देखते हुए एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर अभियुक्त राहुल लोधी का जमानत हेतु धारा 439 दंप्रसं के तहत प्रस्तुत आवेदन निरस्त कर दिया है।