अति आनंद उमग अनुरागा, चरन सरोज पखारन लागा
भिण्ड, 03 नवम्बर। श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री रामदास महाराज ददरौआ सरकार की अध्यक्षता में मेहगांव नगर में आयोजित हो रही रामलीला का मंचन देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो गए, जब केवट ने स्थानीय तर्ज पर ‘बा बाजी बा बाजी बा बाजी’ गीत गाया तो जनसमूह झूमता नजर आया। केवट संवाद की लीला का आरंभ प्रभु राम की आरती के साथ हुआ। आज की आरती पूर्व विधायक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. रामेश्वर दयाल दांतरे के नाती कांग्रेस जिला महासचिव कौंहार निवासी अमित उर्फ पिंकी दांतरे ने की।
लीला के आरंभ में वन गमन के दौरान श्रीराम, सीता व भाई लक्ष्मण तथा मंत्री सुमंत के साथ गंगा के तट पर पहुंचते हैं। वहां निषाद राज केवट जो राम का सहपाठी भी है से भगवान राम की मुलाकात होती है। केवट सभी का आदर सत्कार करता है, उसके वाद भगवान राम केवट से निवेदन करते हैं कि वह उन्हें अपनी नाव से नदी के उस पार कर दें। केवट कहता है कि प्रभु नदी उस पार करने में उसे कोई समस्या नहीं है, लेकिन वह यह सुनिश्चित कर लेना चाहता है कि क्या आप वही राम हो, जिनके चरणों की धूल के स्पर्श मात्र से पत्थर की शिला नारी बन जाती है। केवट कहता है कि प्रभु आपकी भगवंता जाने बगैर नदी के उस पार नहीं ले जा सकता, यदि आपको नाव से पार जाना है तो हमें पद धोने की आज्ञा देना होगी। रामराज्य के प्रथम नागरिक केवट की भक्ति देख राम मुस्कुराते हुए उसकी अटपटी बातें सुनते हुए आनंदित हो रहे हैं, तो दूसरी ओर केवट की बात पर लक्ष्मण क्रोधित हो उठते हैं, राम लक्ष्मण को शांत कर केवट को पैर धोने की अनुमति देते हैं, फिर केवट उन्हें गंगा पार करा देता है और प्रभु भक्ति का वरदान देकर उसे विदा करते हैं।