छह वर्षीय बालिका से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष की सजा

न्यायालय ने आरोपी पर पांच हजार का जुर्माना भी लगाया

रायसेन, 28 अक्टूबर। अनन्य विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) जिला रायसेन श्रीमती नौशीन खान के न्यायालय ने छह वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी राजा उर्फ बोधा पुत्र कंछेदी आदिवासी उम्र 21 वर्ष निवासी ग्राम गुलगांव, थाना सांची, जिला रायसेन को दोषसिद्ध पाए जाने पर धारा 366 भादंसं के अंतर्गत पांच वर्ष कारावास एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(एम)/6 के अंतर्गत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में राज्य की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक जिला रायसेन श्रीमती भारती गेडाम ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती शारदा शाक्य के अनुसार प्रकरण का संक्षेप में विवरण इस प्रकार है कि 29 मार्च 2021 को फरियादिया विमला बाई पत्नी सौदान सिंह निवासी गुलगांव अपने पति के साथ अपनी छह वर्षीय पुत्री को खून से लथपथ हालत में थाना लेकर आई और बताया कि मेरी बच्ची के साथ गांव का राजा उर्फ बोधा ने गलत काम (बलात्कार) किया है। पीडि़ता की हालात गंभीर होने से इलाज हेतु तत्काल महिला वार्ड रायसेन में भर्ती किया गया। पीडि़ता की मां के बताए अनुसार कि 29 मार्च 2021 को दोपहर करीब 2:30 बजे मेरी सबसे छोटी बेटी जिसकी उम्र 06 वर्ष है घर पर नहीं थी, तो मेरे पति सौदान सिंह बेटी को ढूंढने दुर्बनलाला के बाड़े की तरफ गए थे तो उन्हें दुर्बनलाल के बाड़े में नीम के पेड़ के पास राजा उर्फ बोधा को बच्ची के साथ गलत काम (बलात्कार) करते हुए देखा, पति द्वारा चिल्लाने पर राज उर्फ बोधा जंगल की तरफ भाग गया, मेरे पति ने बच्ची को खून से लथपथ अवस्था में देखा तो तुरंत गोद में उठाकर घर ले आए, मैंने अपनी बच्ची से पूछा तो उसने बताया कि मैं घर के पीछे मन्दिर पर खेल रही थी तभी राजा ने आकर मुझसे बोला कि तुम्हारे मम्मी-पापा जंगल गए हैं, तुम भी चलो, तो मैं राजा के साथ जंगल तरफ चल दी कि उसने मुझे बाड़े में ले जाकर जमीन पर पटक दिया और मेरे साथ गलत काम किया। मैं रोने लगी तो भैया मुझे मारने का कहकर डराने लगा। पीडि़ता की मां की उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना सांची, जिला रायसेन में आरोपी के विरुद्ध अपराध क्र.62/2021 अंतर्गत प्रथम सूचना लेखबद्ध की गई। प्रकरण की संपूर्ण विवेचना एवं आवश्यक अनुसंधान उपरांत आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुनत किया गया।