हिन्दी में मेडिकल पढ़ाई से मिलेंगे नए अवसर : डॉ. भदौरिया

एमजेएस कॉलेज में ‘हिन्दी में ज्ञान का प्रकाश’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित

भिण्ड, 15 अक्टूबर। शा. एमजेएस श्स्नातकोत्तर महाविद्यालय भिण्ड में प्राचार्य मालवीय विमल के निर्देशन में शनिवार को हिन्दी विभाग की ओर से ‘हिन्दी में ज्ञान का प्रकाश’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान द्वारा एमबीबीएस की पढ़ाई को हिन्दी विषय में प्रारंभ और प्रोत्साहित करने के उपलक्ष्य में पूरे मप्र में ‘हिन्दी में ज्ञान का प्रकाश और एक दीप हिन्दी के नाम’ के कार्यक्रम का आयोजन शा. एमजेएस स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सुबह 10 बजे संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया एवं विधायक संजीव सिंह कुशवाह, विशिष्ट अतिथि के रूप जिलाधीश डॉ. सतीश कुमार एस उपस्थित हुए। मंच पर उनके साथ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. मालवीय विमल और हिन्दी विभाग अध्यक्ष प्रो. जितेन्द्र विसारिया, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एसके जैन, जिला शिक्षा अधिकारी हरभुवन सिंह तोमर इत्यादि अतिथिगण उपस्थित रहे। संगोष्ठी में हिन्दी विभाग से डॉ. गजेन्द्र सिंह, डॉ. अनीता बंसल व डॉ. कमला नरवरिया, विधायक प्रतिनिधि विकास शर्मा सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधिगण, छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ द्वीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ। तदुपरांत अतिथियों ने हिन्दी माध्यम से विज्ञान विषय के अध्ययन की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
सहकारिता मंत्री डॉ. अरविन्द भदौरिया ने कहा कि मप्र शासन ने हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ कर एक नए युग की शुरुआत की है। अंग्रेजी भाषा पर निर्भरता की मानसिकता को खत्म करने का दौर प्रारंभ हो चुका है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशानुसार मप्र में सामाजिक क्रांति की शुरुआत हो रही है। हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई की शुरुआत हो रही है। यह अंग्रेजी भाषा की गुलामी की मानसिकता को तोडऩे की शुरुआत है।
उन्होंने कहा कि हिन्दी मातृभाषा किसी भी शिशु की पहली भाषा होती है, जिसके माध्यम से वह बोलना सीखता है। अभी तक मेडिकल की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभावान विद्यार्थियों को भाषा की समस्या होने के कारण कम संख्या में सफल हो पा रहे थे क्योंकि हिन्दी माध्यम से पढ़ाई करने के बाद छात्र कड़ी मेहनत कर नीट की परीक्षा में तो उत्तीर्ण हो जाते हैं लेकिन एमबीबीएस में अंग्रेजी भाषा होने से उन्हें कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब हिन्दी में पाठ्यक्रम होने से उनको आसानी होगी। मप्र देश का पहला राज्य है जहां मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी भाषा में होगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार पुस्तके तैयार कर ली गई हैं। 16 अक्टूबर को देश के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भोपाल लाल परेड ग्राउण्ड से मध्यान्ह 12 बजे समारोह पूर्वक इस सुविधा का शुभारंभ किया जाएगा।
सहकारिता मंत्री डॉ. भदौरिया ने कहा कि हिन्दी भारत की राजभाषा है पर उस पर असली वर्चस्व अंग्रेजी का है। हिन्दी माध्यम से पढ़ाई करना ही हीन भावना का विषय माना जाता है। ऐसे में हिन्दी माध्यम से विज्ञान और चिकित्सा के विषय की पढ़ाई करने की कल्पना ही नहीं कि जा सकती, ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का हिन्दी माध्यम से एमबीबीएस का पाठ्यक्रम प्रारंभ करना अपने आपमें साहसिक और ऐतिहासिक कदम है। इसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम होगी। हमें लोग क्या कहेंगे, इस बात को अनदेखा कर मुख्यमंत्री के इस कार्य में भरपूर सहयोग करना चाहिए।
कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन डॉ. कमला नरवरिया ने किया। संगोष्ठी में डॉ. सुनील त्रिपाठी, शिवप्रताप सिंह भदौरिया, प्रो. रामअवधेश शर्मा, प्रो. राजीव जैन, प्रो. केके रायपुरिया, प्रो. रविकांत, प्रो. आभास अस्थाना, प्रो. प्रभा तिवारी, डॉ. अनूप श्रीवास्तव, प्रो. राजेन्द्र राठौर, श्यामजी निगम की प्रत्यक्ष भागीदारी रही। तत्पश्चात शाम 6:30 बजे महाविद्यालय द्वारा परेड चौराहे पर रंगोली बनाकर ‘एक दीप हिंदी के नाम’ कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को हिन्दी के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया। इस कड़ी में जिलाधीश ने दीप प्रज्ज्वलित किया। इन दोनों कार्यक्रमों में महाविद्यालय के प्राचार्य, समस्त विभागों के प्राध्यापक, एनसीसी और एनएसएस इकाईयों के स्वयं सेवक छात्र-छात्रओं ने उत्साह के साथ भाग लिया।