स्कूल बस एवं परिवहन के संबंध में स्कूल संचालकों, शिक्षा व आरटीओ विभाग की बैठक आयोजित

भिण्ड, 01 अक्टूबर। स्कूल बस एवं परिवहन के संबंध में स्कूल संचालकों, शिक्षा विभाग, आरटीओ विभाग की बैठक कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलेश कुमार खरपुसे, जिला शिक्षा अधिकारी हरिभुवन सिंह तोमर, जिला परिवहन अधिकारी अनुराग सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने बैठक में स्कूल संचालकों से कहा कि स्कूलों में संचालित बसें प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशानुसार संचालित हों, स्कूल बस का रंग पीला होना चाहिए। बसों के आगे-पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिए, अगर किसी एजेंसी से बस अनुबंध पर ली गई है तो उस पर ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए। बसों में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स होना चाहिए। बस में परिवहन विभाग द्वारा स्वीकृत स्पीड गवर्नर लगे होने चाहिए। प्रत्येक स्कूल बस में सुरक्षा हेतु हॉरिजोंटल ग्रिल एवं आग बुझाने के उपकरण होने चाहिए। बस पर स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा होना चाहिए। बस में सीट के नीचे बैग रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। प्रत्येक बस चालक को कम से कम पांच साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए। लाल बत्ती क्रॉस करने, लेन अनुशासन का उल्लंघन करने या अनाधिकृत व्यक्ति को वाहन चलाने की अनुमति देने जैसे अपराधों के लिए वर्ष में दो बार से अधिक चालान किए गए चालक को नियोजित नहीं किया जा सकता है। चालक का कोई चालान नहीं होना चाहिए और न ही उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज हो।
कलेक्टर ने कहा कि स्कूल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक स्कूल बस में आपातकालीन निकास द्वार स्थापित हों। स्कूल बस में जीपीएस और सीसीटीवी अनिवार्य हैं और उन्हें हर समय काम करने की स्थिति में रखा जाना चाहिए। स्कूल बस में परदे या शीशे में फिल्म नहीं होना चाहिए ताकि अंदर की गतिविधियां बाहर से दिखाई दें। बस के अंदर पर्याप्त रोशनी व सफाई होनी चाहिए। बच्चों की सुरक्षा के लिए बस की सीटें गैर ज्वलनशील सामग्री की होनी चाहिए। स्कूल बस पर रिफ्लेक्टिव टेप और स्टॉप साइन होना चाहिए। सभी स्कूल बस चालकों के पास वैध रजिस्ट्रेशन, फिटनेस, परमिट, पीयूसी, बीमा होना चाहिए। स्कूल बस में स्टेपनी टायर और मरम्मत किट होना चाहिए। बस में इमरजेंसी सायरन और अलार्म बेल होना चाहिए। बस चालक वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न करें। वर्षा काल में पुल पुलिया पर पानी का अधिक बहाव होने पर पुलिया पार न करें। विद्यार्थियों को सीमीत संख्या में, क्षमता के अनुसार ही परिवहन किया जाए। स्कूल संचालकों द्वारा समय-समय पर बस चालकों की काउंसलिंग, ट्रैनिंग की जाए। स्कूल प्रबंधन व बस संचालकों द्वारा जीपीएस व सीसीटीवी के माध्यम से सुचारू रूप से निगरानी रखी जाए। बसों के दरवाजे को अंदर से बंद करने की व्यवस्था होनी चाहिए। स्कूल प्रबंधन द्वारा विद्यार्थियों और पालकों से वाहन चालकों के संबंध में जानकारी, फीडबैक प्राप्त की जाए। प्रत्येक स्कूल प्रबंधन को बताए गए नियम व निर्देशों का पालन करना आवश्यक होगा।