गाय माता की रक्षा के लिए सरकार कदम उठाए : श्यामसुंदर शर्मा

भिण्ड, 28 सितम्बर। वर्तमान समय मे गायों की जो दुर्दशा हो रही है, जिसमे सड़क पर एक्सीडेंट से गायों की मौत, लम्पी वायरस का कहर, हर जगह, हर गली और सड़क पर गायों का झुण्ड में मिलना। हिन्दू धर्म मे गाय को माता कहा गया है। गायों को दुर्दशा से बचाने के लिए श्री परशुराम सर्व ब्राह्मण संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्यामसुंदर शर्मा ने सरकार से मांग की है कि गौ माता की सुरक्षा और लम्पी वायरस से बचाने के लिए सरकार पूरा प्रयास करेे।
जब गौ माता की सेवा होगी तो हमारे प्रदेश का भी विकास होगा। प्रदेश में कई गौशाला होने के बाद भी गायों की दुर्दशा में कोई सुधार नहीं हुआ है। सरकार कोई ठोस योजना बनाए, जिससे गौ माता को सरंक्षित किया जा सके।

गौ माता क्यों है पूजनीय

श्यामसुंदर शर्मा ने कहा कि हिन्दू धर्म में गाय को माता कहा गया है, पुराणों में धर्म को भी गौ रूप में दर्शाया गया है, भगवान श्रीकृष्ण भी गाय की सेवा अपने हाथों से करते थे और इनका निवास भी गौलोक बताया गया है। इतना ही नहीं गाय को कामधेनु के रूप में सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला भी बताया गया है। हिन्दू धर्म में गाय के इस महत्ब के पीछे कई कारण जिनका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी है।

मां शब्द की उत्पत्ति गौवंश से हुई

आज भी भारतीय समाज में गाय को भी गौ माता कहा जाता है, शास्त्रों के अनुसार ब्रह्माजी ने जब सृष्टि की रचना की थी तो सबसे पहले गाय को ही पृथ्वी पर भेजा था, सभी जानवरों में मात्र गाय ही ऐसा जानवर है जो मां शब्द का उच्चारण करता है, इसलिए माना जाता है कि मां शब्द की उत्पत्ति भी गौवंश से हुई है, गाय हम सबको मां की तरह अपने दूध से पालती है। आर्युवेद के अनुसार भी मां के दूध के बाद बच्चे के लिए सबसे फायदेमंद गाय का दूध ही होता है।

गौ पूजन से इच्छाओं की पूर्ति

धार्मिक आस्था है कि गौ पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, घर की समृद्धि के लिए घर में गाय का होना बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि विद्यार्थियों को अध्ययन के साथ ही गाय की सेवा भी करना चाहिए, इससे उनका मानसिक विकास तेजी से होता है, संतान और धन की प्राप्ति के लिए भी गाय को चारा खिलाना उनकी सेवा करना बेहद शुभ माना गया है।

गाय की सींग में ब्रह्मा, विष्णु, महेश

धार्मिक पुराण के अनुसार गाय के सींगों में तीनों लोकों के देवी देवता विद्यमान रहते हैं। सृष्टि के रचनाकार ब्रह्मा और पालनकर्ता विष्णु गाय के सींगों के निचले हिस्से में विराजमान हैं। गाय के सींग के मध्य में शिव शंकर बिराजते हैं। गौ के ललाट में मां गौरी तथा नासिक भाग में भगवान कार्तिकेय बिराजमान हैं।

गौमूत्र होता है फायदेमंद

गाय का गौमूत्र बहुत ही शुभ माना गया है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गौमूत्र से कई प्रकार की दवाईयां बनाने में प्रयोग किया जाता है, गाय के गोबर से कण्डे बनाए जाते हैं, जिसका उपयोग हवन करने के लिए उपयोग किया जाता है, सब तरह से गाय माता हमारे लिए बहुत ही पूजनीय है।