सनसनीखेज मामले में पत्नी के हत्यारे को आजीवन कारावास

न्यायालय ने आरोपी पर दस हजार का जुर्माना भी लगाया

सतना, 24 सितम्बर। पंचम अपर सत्र न्यायाधीश सतना श्री सिद्धार्थ तिवारी के न्यायालय ने सनसनीखेज मामले में महिला की हत्या करने वालेे आरोपी राजेश पाल उर्फ कल्लू पुत्र परानू पाल उम्र 43 वर्ष निवासी ग्राम घुंघचिहाई, थाना कोलगवां, जिला सतना को धारा 302 भादंवि में आजीवन कारावास एवं 10 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। जुर्माना अदा न किए जाने में व्यतिक्रम की दशा में एक वर्ष का सश्रम कारावास पृथक से भुगताए जाने का दण्डादेश पारित किया है। मामले में राज्य की ओर से अभियोजन का संचालन एडीपीओ हरिकृष्ण त्रिपाठी ने किया।
सहायक अभियोजन प्रवक्ता जिला सतना संदीप कुमार ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी राजेश पाल उर्फ कल्लू, टिकुरिया टोला वार्ड क्र.45 सुन्दर आटा चक्की के पास जगदीश कुशवाहा के मकान में किराए से रहता था। उक्त कमरे के बगल में जगदीश कुशवाहा रहता था और नीचे फरियादी सूरज कुशवाहा अपनी मां तथा बहिन के साथ रहता था। 29 अक्टूबर 2019 को रात्रि लगभग नौ बजे अभियुक्त राजेश पाल अपने कमरे में आ गया था और वह एवं उसकी पत्नी मृतिका रेखा पाल अपने कमरे में थे, उसके बाद जगदीश कुशवाहा ने बाहर मेन गेट में ताला लगा दिया था तथा चाबी अपने पास रख ली थी। सुबह लगभग तीन बजे अभियुक्त राजेश पाल ने जगदीश कुशवाहा के कमरे का दरवाजा खटखटाया और जब जगदीश बाहर निकला तो राजेश पाल ने उससे कहा कि मेन गेट का ताला खोल दो, क्योंकि उसे सब्जी लगाने जाना है, तब जगदीश कुशवाहा ने ताला खोलने से मना कर दिया और कहा कि वह सुबह चार-पांच बजे ताला खोलेगा। जगदीश कुशवाहा अपना दरवाजा बंद करके सो गया। सुबह लगभग 4:30 बजे जब जगदीश कुशवाहा सो कर उठा तो राजेश पाल उसके कमरे के सामने खड़ा था और कहा कि बाहर जाना है आप जल्दी ताला खोल दो। इसके बाद जगदीश कुशवाहा ने देखा कि एक किनारे जूट का बोरा रखा था जिसमें कुछ भरा हुआ था, उसे शंका होने पर बोरे के पास जाकर छूकर देखा तो बोरे के अन्दर गुलगुल सा महसूस हुआ, तब जगदीश कुशवाहा को शंका हुई और उसने अभियुक्त राजेश पाल से पूछा कि बोरे में क्या रखा है। चूंकि जगदीश को मैदान जाना था तो उसने नीचे जाकर मेन गेट का ताला खोल दिया। तभी उसने देखा कि आरोपी राजेश पाल सीढ़ी के रास्ते से जूट के बोरे को घसीटकर नीचे ला रहा था और घबराया हुआ था। जगदीश कुशवाहा को शंका हुई कि आरोपी अपनी पत्नी रेखा पाल से रोज झगड़ा करता था और उसे मारकर बोरे में भरकर ले जा रहा है। तब तक राजेश पाल बोरे को गैलरी में ढकेल लाया, तभी जगदीश कुशवाहा ने गेट का ताला पुन: बंद कर दिया और अपने नाती सूरज कुशवाहा एवं बहू व नातिन को आवाज लगाई तो वह लोग अपने कमरों से बाहर निकले, तब जगदीश ने अपने नाती, बहू एवं नातिन से कहा कि आरोपी राजेश पाल को पकड़ो वह अपनी पत्नी को मारकर बोरे में भरकर ले जा रहा है, उसके बाद आरोपी को सूरज ने पकड़ लिया और उसे कमरे के अंदर धकेल कर दरवाजा बंद कर दिया और आरोपी से पूंछा तो उसने बताया कि उसकी पत्नी रेखा पाल ने आत्महत्या कर ली है, वह उसे घर ले रहा है गेट खोल दो। उसके बाद सूरज कुशवाहा ने 100 नंबर डायल कर पुलिस को सूचना दी, तत्पश्चात कुछ देर में पुलिस व आस-पास के लोग हल्ला सुनकर आ गए। पुलिस ने आकर घटना स्थल पर देहाती नालसी एवं मर्ग इंटीमेशन कायम करते हुए मृतिका के शव परीक्षण हेतु आवश्यक कार्रवाई करते हुए प्राथमिक विवेचना के उपरांत थाना कोलगवां के अपराध क्र. 1298/2019 के अंतर्गत धारा 302 भादंवि में अभियुक्त राजेश पाल के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध किया। प्रकरण की विवेचना वरिष्ठ उप निरीक्षक राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी ने की। विवेचना के अनुक्रम में सीन ऑफ क्राइम यूनिट द्वारा मृतिका व घटना स्थल के फोटोग्राफ प्राप्त किए गए और विवेचना अधिकारी ने भौतिक साक्ष्य एकत्र कर एवं साक्षियों के कथन लेने के उपरांत अन्य आवश्यक विवेचना कार्रवाई के उपरांत सात दिसंबर 2019 को अभियोग पत्र विचारण हेतु न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। अभियोजन द्वारा विचारण के दौरान कुल 22 साक्षी प्रस्तुत किए और 36 दस्तावेज एवं 31 आर्टीकल अभियोजन के पक्ष में प्रदर्शित कराए गए। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्या एवं दस्तावेजों के आधार न्यायालय ने अभियोजन का मामला प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी राजेश पाल को दोषसिद्ध करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।