नाबालिग लड़की के दुष्कर्म करने वाले आरोपी व उसके दो सहयोगी को आजीवन कारावास

न्यायालय ने आरोपियों पर 13-13 हजार का जुर्माना भी लगाया
अभियोक्त्रि को चार लाख रुपए प्रतिकर के रूप में देने का आदेश भी दिया

सागर, 24 सितम्बर। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट/ तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती नीलम शुक्ला के न्यायालय ने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने तथा उसका सहयोग करने वाले अभियुक्तगण भूर उर्फ रामदास पुत्र किशन लोधी उम्र 32 वर्ष, गौतम पुत्र हल्के लोधी उम्र 36 वर्ष व भालू पुत्र लच्छू लोधी उम्र 28 वर्ष निवासीगण अंतर्गत थाना बण्डा, जिला सागर को धारा 366 भादंवि के तहत पांच-पांच वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 376(2)(एन) भादंवि के तहत 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास, एससी/ एसटी एक्ट की धारा 3(2)(1ए) के तहत तीन-तन वर्ष का सश्रम कारावास तथा एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(1) के तहत आजीवन कारावास की सजा व 13-13 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में राज्य शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक/ अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी रिपा जैन ने की।
मीडिया प्रभारी/ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सागर सौरभ डिम्हा के अनुसार मामला इस प्रकार है कि फरियादी की मझली लड़की (अभियोक्त्री) व उसकी छोटी लड़की चार फरवरी 2016 को करीब 11.30 बजे साइकिल से दलपतपुर पढऩे के लिए गई थीं। शाम करीब पांच बजे उसकी छोटी लड़की घर पहुंच गई किन्तु अभियोक्त्री के घर नहीं पहुंचने पर छोटी लड़की से उसके बारे में पूछने पर उसने बताया कि वे दोनों बहनें स्कूल में प्रार्थना करके अपनी-अपनी कक्षा में चली गई थी, तीन बजे लंच की छुट्टी में बहन स्कूल में दिखी थी, स्कूल की छुट्टी होने पर बहन नहीं दिखी तो वह साइकिल उठाने आई तो उसने देखा कि अभियोक्त्री अपनी साइकिल उठाने नहीं आई तो फिर वह अकेली घर आ गई। अभियोक्त्री की तलाश रिश्तेदारों में की लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। अभियोक्त्री के पिता ने पुलिस चौकी दलपतपुर में उक्त घटना की रिपोर्ट लेख कराई कि कोई अज्ञात व्यक्ति उसकी बालिका को बहला फुसलाकर ले गया है। उक्त रिपोर्ट पर से चौकी दलपतपुर में गुम इंसान लेख की गई। इसके बाद थाना बण्डा में अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया जाकर अनुसंधान में लिया गया। अभियोक्त्री ने बताया कि अभियुक्त भालू लोधी उससे बात करने के लिए और शादी करने के लिए धमकाता था। चार फरवरी 2016 को दोपहर करीब 3.30 बजे स्कूल से अभियुक्तगण अभियोक्त्री को बहला फुसलाकर कर दमोह ले गए, जहां उन्होंने उसकी कोर्ट मैरिज भालू से करा दी और जबरदस्ती धमकी देकर कागज पर उसके हस्ताक्षर करा लिए। अभियुक्तगण उसे सागौनी के जंगल भी ले गए थे और अभियुक्त भालू ने उसके साथ दुष्कर्म किया, वहां उन्होंने उसे करीब एक माह तक रखा, फिर अभियुक्तगण उसे जबलपुर और फिर वहां से मण्डला ले गए। जहां करीब पांच दिन तक वे वहीं रहे। अभियुक्तगण का अभियोक्त्री के घर आना जाना था। मामले के अनुसंधान के दौरान अभियोक्त्री को दो मार्च 2016 को बरामद किया गया। अभियोक्त्री का मेडीकल परीक्षण कराया गया, घटना स्थल का नक्शा तैयार कराया गया। अभियोक्त्री व अन्य साक्षीगण के कथन लेख किए गए। अभियुक्तगण भालू, गौतम और भूरे को गिरफ्तार किया गया। समस्त आवश्यक अनुसंधान उपरांत चालान तैयार कर न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय में विचारण के दौरान अभियोजन ने महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत किए। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत सबूतों और दलीलों से सहमत होते हुए मामले को संदेह से परे प्रमाणित पाए जाने पर न्यायालय ने अभियुक्त भालू लोधी को दुष्कर्म करने का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास तथा अभियुक्तगण भूर उर्फ रामदास लोधी व गौतम लोधी को अभियुक्त भालू का सहयोग कर दुष्प्रेरित करने का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया है। साथ ही अभियोक्त्री की आयु, उसके ग्रामीण परिवेश एवं घटना के परिणामस्वरूप उसके भविष्य के अवसरों पर पडऩे वाले परिणाम को दृष्टिगत रखते हुए चार लाख रुपए प्रतिकर दिए जाने का आदेश पारित किया है।