भिण्ड, 23 जुलाई। षष्टम अपर सत्र न्यायाधीश जिला भिण्ड के न्यायालय ने महिला थाना पुलिस के प्रकरण क्र.175/21 में नाबालिगा के साथ छेडख़ानी करने वाले आरोपी नीरज पुत्र तेजसिंह बघेल उम्र 19 वर्ष निवासी ग्राम अहरौली, चौकी मछण्ड, थाना रौन, जिला भिण्ड को दोषी पाते हुए धारा 354, 323, 294, 506, भादंसं एवं धारा 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं 3(1)(द), 3(1)(ध), 3(1)(डब्ल्यू)(आई), 3(2)(व्हीए) अजा एवं अजजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत तीन वर्ष के कठोर कारावास की सजा से दण्डित किया है। प्रकरण का संचालन जिला अभियोजन अधिकारी भिण्ड अरविंद कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन में एडीपीओ/ विशेष लोक अभियोजक श्रीमती हेमलता आर्य ने किया।
सहायक मीडिया सेल प्रभारी कु. मनोरमा शाक्य ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि सात अक्टूबर 2021 को सुबह लगभग 5:30 बजे अभियोक्त्री अपने घर से दूध लेने अमर सिंह बघेल के घर जा रही थी। उसके घर से लगभग 50 मीटर की दूरी पर अभियुक्त नीरज बघेल ने बुरी नीयत से उसका हाथ पकड़ लिया और बोला कि तुम मुझसे बात क्यों नहीं करती हो, तुम्हारे पास फोन है, तब भी अभियोक्त्री ने बात करने से मना किया तो अभियुक्त नीरज ने उसे थप्पड़ मारे और धक्का दिया और अभियोक्त्री को गालियां देने लगा, तभी उसके चाचा हरिओम मौके पर आ गए, जिन्हें देखकर अभियुक्त भाग गया। जाते समय अभियुक्त ने धमकी दी कि यदि थाने पर रिपोर्ट की तो जान से खत्म कर दूंगा। उसने उक्त घटना अपने घर पर आकर अपने माता-पिता को बताई और उक्त घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट महिला पुलिस थाना भिण्ड में लेख कराई, जो पुलिस महिला थाना भिण्ड के अपराध क्र.20/2021 के अधीन अभियुक्त नीरज बघेल के विरुद्ध पंजीबद्ध की गई। विवेचना के दौरान विवेचना अधिकारी पूनम थापा ने अभियोक्त्री के बताए अनुसार उसका कथन लेखबद्ध किया। अभियोक्त्री की निशानदेही पर घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया। उसका चिकित्सा परीक्षण कराया। अभियोक्त्री के माता-पिता, चाचा हरिओम के कथन उनके बताए अनुसार लेखबद्ध किए। अभियोक्त्री का धारा-164 दंप्रसं के अंतर्गत कथन लेखबद्ध कराया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। न्यायालय षष्टम अपर सत्र न्यायाधीश जिला भिण्ड द्वारा विचारण पश्चात अभियुक्त नीरज बघेल को धारा 323 भादंसं के अधीन तीन माह का कठोर कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा-7/8 पॉक्सो अधिनियम के अधीन तीन वर्ष के कठोर कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड तथा धारा-3 एवं एससी/एसटी अधिनियम की धारा-3(1)(व्हीं) के अधीन एक वर्ष के कठोर कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आई) के अधीन एक वर्ष के कठोर कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। न्यायालय ने अभियुक्त द्वारा अर्थदण्ड की राशि जमा किए जाने पर अभियोक्त्री को 2500 रुपए क्षतिपूर्ति राशि प्रदान किए जाने का आदेश भी दिया है।