मन बड़ा चंचल है उसे भक्ति में लगाना आवश्यक

देह के द्वारा किए गए पापों को मन और आत्मा को भुगतना पड़ता है

ग्वालियर, 20 जुलाई। माधव बाल निकेतन एवं वृद्ध आश्रम लक्ष्मीगंज में पवित्र सावन के माह में भजन एवं सत्संग का आयोजन पूरे एक माह चलेगा। जिसके तहत श्री 1008 राजयोगी संत श्री सद्गुरू महिपतिनाथ ढोली बुआ महाराज ने दूसरे दिन बुधवार को मन की आत्मा की शक्ति के बारे में बताया।
माधव बाल निकेतन एवं वृद्ध आश्रम के चेयरमैन नूतन श्रीवास्तव ने बताया कि यह सत्संग एवं भजन वृद्ध माता-पिता के लिए भगवान में कैसे मन लगे अपना बकाया जीवन कैसे हरि चरणों में व्यतीत करें, इसके लिए है। बुधवार को सत्संग श्री 1008 राजयोगी संत श्री सद्गुरू महिपतिनाथ ढोली बुआ महाराज द्वारा किया गया। इस अवसर पर वृद्ध माता-पिता ने पूरे मनोयोग से सत्संग का आनंद लिया। सबसे पहले आश्रम में स्थित माता के मन्दिर का पूजन किया गया। माता को माला पहनाकर भोग लगाया गया। तत्पश्चात सत्संग करने आए श्री सद्गुरू महिपतिनाथ ढोली बुआ महाराज का सम्मान किया।
उन्होंने बताया कि मन बहुत चंचल है और इसकी गति बहुत ही तीव्र है। जो मन को वश में कर लेता है ज्ञानी बन जाता है। मन के हारे हार है मन के जीते जीत, मन को लगा लो भगवान की भक्ति, प्रभू को बना लो अपना प्रीत। भगवान भी भक्त और भक्ति के विवश हो जाते है। और बह अपने भक्त के हो जाते है। बोलने कल क्या होगा या कल कर लूंगा ही कलयुग है। आने वाले दिनों की चिंता त्याग कर हमें अपने आज को भगवान के ध्यान और अच्छे कर्म करने में लगाना चाहिए। इस अवसर पर माधव बाल निकेतन एवं वृद्ध आश्रम के चेयरमैन नूतन श्रीवास्तव, सचिव श्याम श्रीवास्तव, संस्था अधीक्षिका श्रीमती सीमा सक्सेना, रामदास मिश्रा, मनोज श्रीवास्तव, रेखा शुक्ला, शालिनी शुक्ला, एवं आस-पास के भक्तजन उपस्थित रहे।