पूजा-पाठ के बहाने से नाबालिग से बलात्संग करने वाले आरोपी को 20 वर्ष की सजा

न्यायालय ने आरोपी पर लगाया 15 हजार जुर्माना

रायसेन, 12 जुलाई। अनन्य विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) जिला रायसेन श्रीमती नौशीन खान के न्यायालय ने पूजा-पाठ के बहाने से नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने एवं बलात्संग करने वाले आरोपी संतोष पुत्र मुन्नालाल नामदेव उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम परसोरा थाना नटेरन, जिला विदिशा को दोषसिद्ध पाए जाने पर धारा 366 भादंसं के अंतर्गत पांच वर्ष एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(आई)/6 के अंतर्गत आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 15 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में राज्य की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक जिला रायसेन श्रीमती भारती गेडाम ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती किरण नंदकिशोर के के अनुसार प्रकरण का संक्षेप में विवरण इस प्रकार है कि चार मई 2019 को अभियोक्त्री के पिता ने थाना उमरावगंज में गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई कि लगभग डेढ़ साल पहले अभियोक्त्री उसके मामा लाखन सिंह के घर गई थी और तभी आरोपी संतोष नामदेव का लड़का उसके घर आया था, तभी से दोनों एक-दूसरे को जानने लगे थे। आरोपी संतोष उससे व उसके परिवार वालों से कहता था कि मुझे भोले बाबा ने सपने में कहा है कि मैं पिछले जन्म में इच्छाधारी नाग था तथा तुम्हारी लड़की इच्छाधारी नागिन थी। भोले बाबा ने आदेश दिया कि तुम्हें इसी लड़की से शादी करना है। संतोष उसके साले आरोपी लाखन के साथ उसके घर पर आता-जाता था। आरोपी संतोष भी उसकी लड़की को भांजी मानता था, जब भी आरोपी संतोष एवं लाखन उसके घर पर आते थे, तो दोनों अभियोक्त्री के पैर पड़ते थे। उसके बाद आरोपी संतोष हर कभी उसकी बेटी, अभियोक्त्री को देख आने एवं पूजा पाठ के नाम से बाहर ले जाता था। लगभग 15 दिन पहले आरोपी संतोष उसके घर पर आया और बोला कि आप अपने मोटर साइकिल दे दो, अभियोक्त्री को उसके आरोपी लाखन के घर ग्राम बदनपुर ले जाना है। उसके बाद वहां से पूजा करने के लिए हुसैन टेकरी जाना है। उसके बाद नर्मदाजी होशंगाबाद जाना है, फिर वहां से पूजा-पाठ करके कंकाली मन्दिर आना है। लेकिन आरोपी संतोष अभियोक्त्री को लेकर वापस नहीं आया और अपना मोबाईल भी बंद कर लिया। उसे संदेह है कि आरोपी संतोष उसकी बेटी को बहला-फुसलाकर भगा कर ले गया है।