खेल शारीरिक व बौद्धिक व्यायाम के साथ अनुशासन का संस्कार भी सिखाते हैं : तोमर

44वीं शतरंज ओलंपियाड मशाल पहुंची ग्वालियर, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर ने की अगवानी

ग्वालियर, 05 जुलाई। 44वें शतरंज ओलम्पियाड की मशाल मंगलवार को ग्वालियर पहुंची, जहां केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इसकी अगवानी की। इस अवसर पर तोमर ने कहा कि खेल सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं होते बल्कि खेल हमें शारीरिक व बौद्धिक व्यायाम के अतिरिक्त अनुशासन का संस्कार भी सिखाते हैं।
ग्वालियर के लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फिजिकल एज्युकेशन (एलएनआईपीई) में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि ये अवसर हम सबको पहली बार मिल रहा है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शतरंज को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गत 19 जून को इस मशाल रिले की शुरुआत की थी, जिसके बाद देश के अनेक हिस्सों में भ्रमण करते हुए मप्र पहुंची है। तोमर ने कहा कि मप्र के लिए यह खुशी और गौरव की बात है कि शतरंज ओलम्पियाड टॉर्च उज्जैन, इंदौर, भोपाल, सांची के प्रमुख स्थल का भ्रमण कर ग्वालियर पहुंची है।
केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि ऑल इंडिया शतरंज फेडरेशन के तत्वावधान में भारत को पहली बार शतरंज ओलम्पियाड की मेजबानी करने का मौका मिला है। इस ओलम्पियाड में 187 देशों के दो हजार से अधिक खिलाड़ी अपने खेल का प्रदर्शन करेंगे। तोमर ने शतरंज ओलम्पियाड टॉर्च, ग्वालियर के 16 वर्षीय ख्यात शतंरज खिलाड़ी ओजस्व सिंह को सौंपी। ओजस्व एलएनआईपीई से मशाल लेकर ग्वालियर फोर्ट एवं प्रमुख स्थलों का भ्रमण करेंगे।
इस अवसर पर शतंरज एसोसिएशन एडहॉक कमेटी के अध्यक्ष गुरमीत सिंह ने कहा कि शतरंज ओलम्पियाड टॉर्च रिले का उद्देश्य शतरंज को बढ़ावा देना है। टॉर्च रैली भारत के लिए एक उपहार है। इससे पहले शतरंज ओलम्पियाड में कभी ऐसी रैली नहीं निकली थी, भविष्य में होने वाले ओलम्पियाड में यह रैली भारत से ही निकलेगी।
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के महाबलीपुरम में 28 जुलाई से 10 अगस्त तक शतरंज ओलम्पियाड का आयोजन किया जा रहा है। ग्वालियर के कार्यक्रम में अनेक गणमान्यजन, शतरंज फेडरेशन और एसोसिएशन के पदाधिकारी, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के अधिकारी एवं शतरंज की ओलंपियाड मशाल के साथ आए हुए ग्रेंड मास्टर्स उपस्थित थे।
भारत जब आजादी का 75वां वर्ष मना रहा है और अमृत महोत्सव देशभर में आयोजित किया जा रहा है, ऐसे में ये शतरंज ओलंपियाड मशाल केन्द्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा चुने गए देशभर में 75 आइकानिक लोकेशंस की यात्रा कर रही है व 28 जुलाई को चैन्नई पहुंचेगी। मेजबान होने के नाते, भारत 44वें शतरंज ओलंपियाड में 20 खिलाडिय़ों को मैदान में उतारने के लिए तैयार है, शतरंज में देश का यह अब तक का सबसे बड़ा दल है।