संसार में कर्मफल से कोई नहीं बच सकता, जैसे कर्म करोगे वैसा फल मिलेगा: विनय सागर

मुनिश्री विनय सागर महाराज धर्म प्रभावन के लिए पहुंचे सीपी कॉलोनी
जैन मन्दिर में भगवान जिनेन्द्र के दर्शन कर की वंदन की

ग्वालियर, 05 जुलाई। संतों का काम मनुष्य को धर्म का मार्ग दिखाना है। जीवन में धन तो हर कोई कमा सकता है, लेकिन भक्ति करने का सौभाग्य हर किसी के नसीब में नहीं होता है। प्रभु भक्ति का धन जो कमा लेता है, उसका कल्याण होता है। यह विचार श्रमण मुनि श्री विनय सागर महाराज ने मंगलवार को सीपी कालोनी स्थित जैन मन्दिर में धर्मसभा में व्यक्त किए।
मुनि श्री विनय सागर महाराज ने कहा कि संसार में कर्म फल से कोई नहीं बच सकता है। जैसे कर्म करोगे वैसे फल मिलेंगे। पीडि़त जीव की सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। सेवा और पूजा समझकर किए गए कार्य खुद के लिए तो प्रसन्नाता दायक होते ही हैं, इससे भगवान भी खुश होते हैं। कर्म ऐसे करें कि हमें पछताना न पड़े। उन्होंने कहा कि जिसका स्वभाव सरल हो, मन निर्मल हो और जो मिल जाए उसी में संतोष हो ऐसे व्यक्ति दुनिया में विरले ही होते हैं।

युवतियों का फैशन व युवकों का धन व्यसनों में बर्वाद

मुनि श्री विनय सागर महाराज ने कहा कि भौतिकता की अंधी दौड़ में मनुष्य पाप कर्म करने से जरा भी हिचकता नहीं है। आज युवतियों का धन फैशन और युवकों का धन व्यसन में बर्वाद हो रहा है। धन का हमेशा सदुपयोग करना चाहिए। जिससे अच्छा स्वास्थ्य और सुविधाएं प्राप्त हो सके।

मनुष्य में दो तरह के आचरण होते हैं प्रभुता और पशुता का

मुनिश्री ने कहा कि मनुष्य में दो तरह के आचरण होते हैं प्रभुता और पशुता का। जो अच्छे कर्म करते हैं, त्याग, तपस्या, साधना के साथ धर्मध्यान करते हैं उनका आचरण प्रभुता की श्रेणी में आता है और जो बुरे कर्म करते हैं, हमेशा ही राग द्वेष और दूसरों की वस्तुओं को छीनने में लगे रहते हैं या हर समय स्वयं के स्वार्थ के वशीभूत होकर दूसरों का बुरा ही सोचते हैं यह पशुता की श्रेणी में आता है। इसलिए हमें जो दुर्लभ मनुष्य जीवन मिला है इसको पशुता की तरह आचरण और व्यवहार करके नहीं गंवाएं बल्कि तप, त्याग और साधना का मार्ग अपना कर इसे प्रभुता की श्रेणी में लाएं ताकि आपके जीवन का कल्याण हो सके और आप मोक्ष मार्ग पर अग्रसर हो सकें।

मुनिश्री पद विहार कर सीपी कालोनी पहुचे, जैन मंदिर में दर्शन किए

समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि मुनि श्री विनय सागर महाराज पद विहार कर मुरार स्थित सीपी कॉलोनी पहुंचे। उन्होंने दिगंबर जैन लाला मन्दिर में विराजित भगवान जिनेन्द्र देव के दर्शन कर वंदन की। मुनिश्री की आहरचार्य राजीव संजीव जैन के निवास पर संपन्न हुई।