पत्नी की हत्या करने के जघन्य अपराध में आरोपी को आजीवन कारावास

भोपाल, 10 मई। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जिला भोपाल के न्यायालय ने थाना शाहपुरा के अपराध क्र.107/2021 धारा 302 भादंवि एवं धारा 25(1-बी)बी, आम्र्स एक्ट के अपराध में आरोपी नरेश पुत्र गोपाल ओशवाल उम्र 42 वर्ष निवासी मकान नं.242, बाबा नगर, शाहपुरा, भोपाल को स्वयं की पत्नी श्रीमती अनीता ओशवाल उम्र 35 वर्ष की चाकू मारकर हत्या कारित करने के जघन्य मामले में दोषी पाते हुए धारा 302 भादंवि के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड एवं आयुध अधिनियम 25(1-बी)बी के अंतर्गत तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन का संचालन विशेष लोक अभियोजक/ एडीपीओ श्रीमती सुधा-विजय सिंह भदौरिया ने किया।
एडीपीओ भोपाल अरविंद सिंह दांगी ने बताया कि फरियादी दक्ष ओशवाल ने 12 मार्च 2021 को जेपी अस्पताल में देहाती नालसी थाना प्रभारी शाहपुरा को लेख कराई। जिसमें फरियादी ने बताया था कि आज को शाम लगभग 7:30 बजे वह अपनी मां (मृतिका अनीता), पिता (आरोपी नरेश) एवं भाई के साथ घर पर था, मां खाना बना रही थी। पापा शराब पीते हैं और जुआ खेलते हैं। घटना दिनांक को उसके घर गप्पू नाम का व्यक्ति आया था और उसके पिता को जुआ खेलने के लिए चलने को बोल रहा था, जिस पर से उसकी मां चिल्लाई कि पुलिस में रिपोर्ट कर दूंगी तुम लोग जुआ खेलते हो, इस पर गप्पू चला गया, इतने में पापा ने मम्मी से जुआ खेलने के लिए 500 रुपए मांगा तो मां ने पैसे देने से मना कर दिया। मम्मी-पापा का विवाद होने लगा, मम्मी घर के बाहर निकली तो पापा ने मम्मी को जान से मारने की नियत से चाकू मारा, जो मेरी मां के बांए तरफ पेट में पसली के नीचे लगा और खून निकलने लगा। मां गिर पड़ीं तो पापा ने मम्मी को उठाया और ऑटो में लेटा दिया। फिर मैं, छोटा भाई दोनों ऑटो में बैठ गए, पापा मम्मी को लेकर जेपी अस्पताल पहुंचे, वहां डॉक्टर ने चेक किया, तो कुछ देर बाद मेरी मां की मृत्यु हो गई। जेपी अस्पताल के डॉक्टर की सूचना पर मर्ग क्र.12/21 थाना शाहपुरा में पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया। मर्ग जांच के दौरान मृतिका की पहचान उसकी मां जीजाबाई द्वारा अपनी बेटी अनीता ओशवाल के रूप में की गई। मर्ग जांच में पाया गया कि आरोपी ने मृतिका के साथ मारपीट कर चाकू से उसकी हत्या कर दी। जांच उपरांत थाना शाहपुरा में मर्ग में आई साक्ष्य एवं देहाती नालसी के आधार पर आरोपी के विरुद्ध अपराध क्र.107/21, धारा 302 भादंवि एवं 25(1-बी)बी आम्र्स एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र अन्वेषणकर्ता अधिकारी निरीक्षक महेन्द्र कुमार मिश्रा द्वारा सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विवेचना के दौरान प्रकरण को शासन द्वारा जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया गया था।
संपूर्ण प्रकरण प्रत्यक्ष एवं परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित था। अभियोजन द्वारा अपने मामले को न्यायालय के समक्ष 14 साक्षियों की अभिलेख पर आई अभिसाक्ष्य से संदेह से परे आरोपी के विरुद्ध प्रमाणित किया गया था। अभियोजन द्वारा प्रकरण में अंतिम तर्क लिखित रूप से प्रस्तुत किए गए थे। न्यायालय ने अभिलेख पर आई साक्ष्य एवं अभियोजन के तर्क एवं प्रस्तुत न्याय दृष्टातों से सहमत होते हुए आरोपी को धारा 302 भादंवि के अंतर्गत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड तथा आयुध अधिनियम 25(1-बी)बी के अंतर्गत तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं 100 रुपए जुर्माने से दण्डित किया।
विशेष लोक अभियोजक श्रीमती सुधा-विजय सिंह भदौरिया के निवेदन पर न्यायालय ने मृतिका के दोनों बच्चे दक्ष ओशवाल उम्र 16 वर्ष, लक्की ओशवाल उम्र 14 वर्ष को मप्र राज्य की अपराध पीडि़त प्रतिकर योजना 2015 के तहत उचित क्षतिपूर्ति एवं पीडि़त के उक्त दोनों आश्रितों के पुनर्वास की अनुसंशा करते हुए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को आवश्यक कार्रवाई हेतु लेख किया है, साथ ही प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग भोपाल को भी पीडि़त के आश्रित नाबालिग बच्चों की समुचित देख-रेख एवं लालन पालन की व्यवस्था हेतु शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ प्रदान कराए जाने हेतु लेख किया गया है।