भारत के गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें : निखिलेश महेश्वरी

सरस्वती शिशु मन्दिर पचोर में चल रहे हैं विविध प्रशिक्षण वर्ग

पचोर (राजगढ़), 10 मई। विद्या भारती मध्य भारत प्रांत भोपाल द्वारा आयोजित ग्रामीण क्षेत्र की शिक्षा के प्रांतीय आचार्य सामान्य शिक्षण वर्ग, प्रधानाचार्य शिक्षण वर्ग एवं वित्त प्रबंधन वर्ग में शामिल आचार्य-दीदियों को संबोधित करते हुए प्रांतीय संगठन मंत्री निखिलेश महेश्वरी ने कहा कि 10 मई का दिन ऐतिहासिक दिन है, 10 मई 1857 को मेरठ छावनी से मंगल पाण्डे ने क्रांति का बिगुल फूंका था।
स्वाधीनता का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षणार्थियों को ‘स्वतंत्रता के भूले बिसरे नायक’ विषय पर संबोधित करते हुए महेश्वरी ने कहा कि भारत के गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा लेकर आगे बढऩे की आवश्यकता है। भारत की संस्कृति है- सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे संतु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यंतु, मा कश्चित दु:ख भाग भवेत्। उन्होंने कहा कि हम विद्यालयों में प्रतिदिन मां सरस्वती की प्रार्थना में बोलते हैं ‘जग सिरमौर बनाएं भारत, वह बल विक्रम दे’ 1857 से 1947 तक का भारतीय इतिहास संघर्ष का रहा है। स्वतंत्रता के गुमनाम नायकों को याद करते हुए उनका देश के लिए वलिदान आने वाली पीढ़ी हमेशा याद रखेगी। भारत पर अनेकों आक्रांताओं ने आक्रमण किया पर हमारे देश के वीर सपूतों/ योद्धाओं ने सामने वह ठहर नहीं पाए। यशोधर्मा ने शक, हूडों को परास्त किया, आम्भीक, वप्पारावल, लक्ष्मीबाई, वीर सावरकर, शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप, समुद्र गुप्त आदि वीर सपूतों ने देश के दुश्मनों से डटकर मुकाबला किया और अपने देश को स्वतंत्र कराया। चाणक्य ने चन्द्रगुप्त मौर्य का निर्माण किया। चंद्रगुप्त निर्माण करे जो, आचार्य ऐसा सर्वज्ञ चाहिए। द्रोणाचार्य की नहीं जरुरत अब हमको चाणक्य चाहिए।


इस अवसर पर जिला समिति सदस्य डॉ. पूनम चंद्र दांगी भाटखेड़ा, प्रांतीय प्रशिक्षण प्रमुख नारायण चौहान आदि कार्यकर्ता एवं आचार्य दीदी उपस्थित रहे। अतिथि परिचय वर्ग संयोजक विभाग प्रमुख ग्वालियर रघुराज सिंह चौहान ने कराया। अतिथि स्वागत राजगढ़ विभाग प्रमुख संतोष सेजगाए, राघौगढ़ जिला प्रमुख दुर्गेश बांगडी ने किया। सरस्वती वन्दना दिनेश गोस्वामी ने प्रस्तुत की। मंच संचालन शिवपुरी जिला प्रमुख मुकेश दांगी ने किया।