तेरे सब संकट कट जाएं पूजा गोवर्धन की कर ले से गूंजा पण्डाल

भिण्ड, 07 मई। लहार अनुभाग के क्षेत्र के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मन्दिर श्री गौड़ बाबा का मन्दिर ग्राम कुम्हरौल एवं समस्त धर्मप्रेमियों के जन सहयोग से तीन मई से श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन प्रारंभ हो गया है। श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन शनिवार को कथा वाचक पं. रविन्द्र शास्त्री (नाटी महाराज) मिहोनी धाम ने भगवान श्रीकृष्ण के लीलाओं के बारे में बताया।
उन्होंने श्रीकृष्ण लीला का भावपूर्ण वर्णन करते हुए कहा कि श्रोताओं को प्रेम, वात्सल्य और भक्ति रस में मंत्र मुग्ध कर दिया। कन्हैया जैसी लीला मनुष्य क्या कोई अन्य देव नहीं कर सकता, लीला और क्रिया में अंतर होता है, भगवान ने लीला की है, जैसे जिसको कर्तव्य का अभिमान तथा सुखी रहने की इच्छा हो तो वह क्रिया कहलाती है, जिसको न तो कर्तव्य का अभिमान है और न ही सुखी रहने की इच्छा हो बल्कि दूसरों को सुखी रखने की इच्छा को लीला कहते हैं, भगवान श्रीकृष्ण ने यही लीला की जिससे सभी गोकुलवासी सुखी थे। उन्होंने कहा कि माखन चोरी का रहस्य मन की चोरी से है कन्हैया ने अपने भक्तों के मान की चोरी की है, इस प्रकार उन्होंने तमाम बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए बैठे श्रोताओं को वात्सल्य प्रेम में सराबोर कर दिया। तत्पश्चात पूतना वध, गोवर्धन लीला के बारे में बताया। उन्होंने गोवर्धन पूजा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किस प्रकार गोवर्धन पर्वत को उठाकर भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र देव के कोप से गोकुल वासियों की रक्षा की थी।
इसके अलावा कथा वाचक नाटी महाराज ने बताया कि कैसे बाल गोपाल ने अपनी अठखेलियों से अपने बाल स्वभाव के तहत मंद-मंद मुस्कान व तुतलाती भाषा से सबका मन मोह रखा था। यहीं पर भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में ब्रजवासियों को इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाया था। गोवर्धन पर्वत को भक्तजन गिरिराज जी भी कहते हैं, सदियों से यहां दूर-दूर से भक्तजन गिरिराज जी की परिक्रमा करने आते रहे हैं। यह सात कोस की परिक्रमा लगभग 21 किमी की है। उन्होंने अंत मे बताया कि सच्चे मन से याद करने पर भगवान नंगे पैर दौड़ते आते हैं, भागवत कथा सुनने मात्र से ही जीवन के सारे पाप नष्ट होकर स्वर्गलोक प्राप्त करता है।
श्रीमद् भागवत कथा पंडाल में श्रृदालु भक्त, संत महात्मा आदि मौजूद रहे। श्री अनोहि सरकार महेवा, महंत रामदास जी महाराज द्वारा यह आयोजन किया गया। जिसमें धनश्याम, जगत सिंह, नरेश, सुरेन्द्र बघेल एवं समस्त ग्रामवासी कुम्हरौल द्वारा आयोजन में सहयोग किया जा रहा है।