रायसेन, 07 जून। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जिला रायसेन के न्यायालय ने नाबालिग बालिका के साथ गलत काम करने के प्रकरण में प्रथम दृष्टया आरोपी राकेश यादव की जमानत निरस्त कर दी है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला रायसेन अनिल मिश्रा ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती शारदा शाक्य के अनुसार प्रकरण का संक्षेप में विवरण इस प्रकार है कि 24 मार्च 2021 को विदिशा में प्रकरण की नाबालिग पीडि़ता के साथ प्रथम दृष्टया आरोपी राकेश यादव ने घर वालों की अनुपस्थिति में आरोपी के घर में दुष्कर्म किया तथा किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। जिसके आधार पर संदर्भित सूचना कोतवाली विदिशा में दर्ज हो, धारा 376, 376(2)(एन), 506 भादंसं एवं 5(एन)/6 लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 मामला थाना सांची के क्षेत्राधिकार का पाए जाने पर संदर्भित नालसी थाना सांची में अपराध पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई। विवेचना के दौरान यह पता चला कि अभियोक्त्री 10 महीने पहले अपनी बहन के साथ उसके घर गई थी। अभियोक्त्री की बहन की अनुपस्थिति में प्रथम दृष्टया आरोपी ने अभियोक्त्री के साथ दुष्कर्म किया तथा किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। उक्त दुष्कर्म से अभियोक्त्री गर्भवती हो गई, उसने एक बच्ची को जन्म दिया है तथा आरेापी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करवाई तथा यह अभियोग पत्र न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जिला रायसेन के समक्ष पेश किया गया। जहां आरोपी ने जमानत का आवेदन प्रस्तुत किया जिस पर जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला रायसेन अनिल मिश्रा ने विरोध किया। उभयपक्ष के तर्क सुनने के पश्चात न्यायालय ने बालिका की कम उम्र एवं प्रकरण की गंभीर परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी राकेश यादव का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया है।