अल्पविराम मन की चंचलता को विराम देता है : अखिलेश अर्गल

महिला आनंदक भी आनंद क्लबों का गठन करें : सत्यप्रकाश आर्य

ग्वालियर, 05 अप्रैल। आनंद विभाग मप्र राज्य आनंद संस्थान द्वारा ग्वालियर जिले की 50 महिला आनंदकों के लिए पांच दिवसीय ऑनलाइन अल्पविराम कार्यक्रम राज्य आनंद संस्थान से पर्यवेक्षक प्रदीप महतो राज्य प्रशिक्षण समन्वयक के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। जिसमें मास्टर ट्रेनर फैसिलिटेटर विजय कुमार (उपमन्यु) डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीडर (आनंद) ट्रेनिंग कोऑर्डिनेटर ग्वालियर के साथ मास्टर ट्रेनर श्रीमती प्रेमलता उपाध्याय, साधना श्रीवास्तव, पुनीत कौर मैनी, प्रीति तिवारी, डॉ. रूपा आनंद द्वारा विभिन्न आनंद सत्रों का संचालन किया गया। मास्टर ट्रेनर श्रीमती दीप्ति उपाध्याय, आनंदम सहयोगी भारती शाक्य, डॉ. प्रेमलता कुशवाह एवं तृप्ति शर्मा द्वारा प्रदत भूमिका का निर्वहन किया गया।


प्रथम दिवस को आनंद सत्र ‘रिवर ऑफ लाइफ’ से प्रारंभ किया गया और इसी प्रकार प्रत्येक दिन अल्पविराम में नई थीम के साथ जीवन का लेखा जोखा, हमारे रिश्ते, संपर्क, सुधार, दिशा, फ्रीडम ग्लास एवं शांति की शक्ति पर सत्रों का 23 से 27 मार्च तक संचालन किया गया। जो जिले की महिला आनंदकों को जीवन में आनंद प्राप्त करने और जीवन में तनाव से मुक्ति का माध्यम भी बना। इस दौरान सहभागी आनंदकों को अपने अनुभव साझा करने के अवसर प्रदान किए गए।


समापन अवसर पर मप्र राज्य आनंद संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अखिलेश अर्गल ने कहा कि अल्पविराम वह शक्ति है, जिससे आप अपने आचरण, व्यवहार को देख पाते हैं। जो भी घटित होता है, आप उन क्रिया कलापों व पीछे के कारण को देख पाते हैं, क्योंकि उस समय आप अपने मन को विराम देते हैं। अल्प विराम सकारात्मक सोच को मजबूत बनता है। इस अवसर पर सीईओ अर्गल ने डीपीएल आनंद विजय कुमार और उनकी सहयोगी टीम को ग्वालियर जिले की महिला आनंदकों हेतु विशेष अल्पविराम आयोजन करने, महिला प्रशिक्षकों की टीम द्वारा ही संपन्न कराए जाने पर सराहना व्यक्त की।
इस अवसर पर राज्य आनंद संस्थान के सलाहकार सत्यप्रकाश आर्य ने कहा कि अल्प विराम में हम उपदेश नहीं देते वरन् स्वयं के अनुभवों, अनुभूति को शेयर करते हैं। यह स्वयं से स्वयं का संवाद है। उन्होंने स्वयं प्रसन्न रहें और दूसरों को भी प्रसन्न रखें इस भाव से महिला आनंदकों को आनंद क्लब बनाने हेतु भी प्रेरित किया।