राज्य शिक्षा केन्द्र के प्रयासों को सफल बनाने की राह पर भिण्ड जिला

एपीसी एकेडमिक का प्रशिक्षण हुआ कारगर साबित
शिक्षा के बदलाव का असर- प्रायवेट संस्थाओं को छोड़ बच्चे शासकीय विद्यालय में ले रहे दाखिला

भिण्ड, 25 फरवरी। राज्य शिक्षा केन्द्र के दिशानिर्देशन में शिक्षा के स्तर को सरल और सहज बनाने के लिए और समय-समय पर शिक्षा को बच्चों तक नई-नई तकनीकी के माध्यम से पहुंचाने के प्रयास भिण्ड जिले में सफल होते नजर आ रहे हैं, जो स्पष्ट रूप से देखने को भी मिल रहे हैं और राज्य शिक्षा केन्द्र के इस प्रयास को धरातल पर साकार करने का जो प्रयास रहा, वह भिण्ड में बतौर एपीसी एकेडमिक के पद पर पदस्थ शिक्षक संदीप सिंह कुशवाह का, जिन्होंने बिना भूख-प्यास की परवाह किए शिक्षकों को समय-समय पर प्रशिक्षण प्रदान करते हुए शिक्षा के पायदान के माध्यम से जिले का नाम प्रदेश में निम्न पंक्ति से उठाकर उच्च पंक्ति में गिना जाए के प्रयास को सफल बनाया संवाददाता से रूबरू होते हुए।


एपीसी संदीप सिंह कुशवाह ने बताया कि हम सभी शिक्षकों के सहयोग से राज्य शिक्षा केन्द्र के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सभी शिक्षकों को उत्साह वर्धन एवं ज्ञानवर्धन देने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं और इसमें शिक्षकों और बच्चों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। एपीसी कुशवाह ने बताया कि हमारे सहयोगी दल जिन्हें हमारे द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उनमें मधुकांता चौहान प्रभारी प्राचार्य शासकीय प्राथमिक विद्यालय लावन, राखी त्रिपाठी, परमाल सिंह कुशवाह, वरुण भदौरिया, राकेश राजपूत, मीना ओझा जिनके सहयोग से हम अन्य शिक्षकों को भी अनवरत रूप से प्रशिक्षण प्रदाय करते रहेंगे

शिक्षा के स्तर में बदलाव का परिणाम- प्राईवेट स्कूलों से प्राथमिक विद्यालय में लिया दाखिला

दरअसल शाङ कन्या प्राथमिक विद्यालय लावन में राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देशों एवं एपीसी कुशवाह के सहयोगी शिक्षक दल की मेहनत का असर देखने को मिला, जिसके परिणाम स्वरूप प्रायवेट संस्थानों और बाहर से आई बच्चियों ने शासकीय विद्यालय में दाखिला लिया। जिनमें नंदनी तोमर कक्षा तीन, ऋतु भदौरिया कक्षा चार, ममता नरवरिया कक्षा चार जिन्होंने बाहरी प्राईवेट संस्थानों से आकर शा. कन्या प्रावि में दाखिला लिया। जब संवाददाता ने उक्त बच्चों से शासकीय विद्यालय में दाखिला लेने का कारण पूछा तो बच्चों ने बताया कि इस विद्यालय के शिक्षकों का जो पढ़ाने का तरीका है वह प्राईवेट संस्थानों की अपेक्षा काफी भिन्न है, यहां शिक्षक और छात्राओं के बीच जो परिवार रूपी माहौल है वो प्राईवेट संस्थानों में नहीं मिल सकता है।

बुनियादी संख्यात्मकता कौशल विकास के माध्यम से बच्चों ने सीखा जीवन के गणित को हल करना

शा. प्राथमिक कन्या विद्यालय लावन के शिक्षकों ने राज्य शिक्षा केन्द्र के दिशानिर्देश में एवं एपीसी एकेडमिक संदीप सिंह कुशवाह के सहयोग से बच्चों को जीवन के गणित को हल कैसे किया जा सकता है के बारे में सिखाया। जैसे यदि किसी बच्चे के माता-पिता कृषक हैं, दुग्ध का व्यवसाय है, किराने की दुकान है तो जो गणना की आवश्यकता होती है उस गणना को सहज और सरल तरीके से करना सिखाया, जो बच्चों को भविष्य में जिसकी आवश्यकता पड़ेगी और साथ ही साथ खेल-खेल के माध्यम से बच्चों को संख्या रेखा, जोडऩा, पहाड़े आदि सिखाए गए।

इनका कहना है-

अपनी शौणिक क्षमता का भरपूर उपयोग करते हुए और नित्यदिन अपनी कसर को चिन्हित करती हूं और प्रतिदिन नई ऊर्जा के साथ पुन: बच्चों के साथ कुछ नया करने में संलग्न हो जाती हूं।
मधुकांता चौहान, प्रभारी प्राचार्य
शा. कन्या प्राथमिक विद्यालय