नावालिगा से दुष्कर्म करने वाले दो आरोपियों को 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास

ग्वालियर, 24 फरवरी। अनन्यत: विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) ग्वालियर श्रीमती आरती शर्मा के न्यायालय ने नावालिग बालिका से दुष्कर्म करने वाले आरोपी जसमंत उर्फ करुआ को धारा 366ए भादंवि में पांच वर्ष एवं धारा 5जी/6 पोक्सो एक्ट में 20 वर्ष की सजा और एक हजार रुपए जुर्माना एवं आरोपी सूरज शाक्य को धारा 5जी/6 पोक्सो एक्ट में 20 वर्ष की सजा और 500 रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है।
अभियोजन की ओर से प्रकरण की पैरवी कर रहे अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी अनिल मिश्रा एवं एडीपीओ श्रीमती कल्पना यादव ने घटना के बारे में बताया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार रेलवे चाइल्डर, चाइल्ड लाइन भोपाल संजीवनी सर्विस सोसाइटी द्वारा आवेदन प्रस्तुत कर जीआरपी भोपाल पुलिस थाना में यह शिकायत की गई कि अभियोक्त्री छह जुलाई 2018 को भोपाल रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म नं.एक पर मिली थी। उस समय बालिका ने अपना नाम सही न बताकर खुद को लड़का बताकर गुमराह किया एवं शहर ग्वालियर का निवासी होना बताया था। उक्त बालिका को रेलवे चाइल्ड लाइन के सदस्य के निर्देशानुसार लोक उत्थान आश्रम भोपाल में रखा गया और संबंधित थाना जनकगंज को इसकी सूचना दी गई। फिर वहां उससे प्यार से पूछने पर उसने अपना सही नाम बताया। तत्पश्चात उक्त संस्था द्वारा यह सुनिश्चित किया गया कि अभियोक्त्री बालक है या बालिका। संस्था द्वारा पूछने पर अभियोक्त्री ने बताया कि आरोपीगण ने उनके साथ ग्वालियर में सब्जी मण्डी के पास एक टूटे मकान मे रात्रि में गलत काम किया है। उक्त शिकायत पर थाना जीआरपी भोपाल में अपराध क्र.0250/18 पंजीवद्ध किया गया। तत्पश्चात घटना स्थल थाना जनक गंज ग्वालियर का होने से पुलिस थाना जनकगंज ग्वालियर को स्था नांतरित किया गया। जहां प्रकरण पुन: पंजीवद्ध किया गया। विवेचना के दौरान गवाहों के कथनों एवं भौतिक साक्ष्य के आधार पर आरोपीगण जसमंत उर्फ करुआ, सूरज शाक्य के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों एवं साक्ष्यों से सहमत होकर आरोपीगण को सजा सुनाई है। प्रकरण में एडीपीओ श्रीमती कल्पना यादव द्वारा सहयोग किया गया।