बाल अपराध एवं बाल सुरक्षा विषय पर कार्यशाला आयोजित

भिण्ड, 12 फरवरी। शा. एमजेएस स्नातकोत्तर महाविद्यालय भिण्ड के राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से यूनिसेफ के सहयोग से ‘बाल अपराध एवं बाल सुरक्षा’ विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। यह कार्यक्रम रासेयो इकाई-2 के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आरए शर्मा के निर्देशन में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर डॉ. शर्मा ने बताया कि बालकों के प्रति हिंसा क्रूरता एवं यौन संबंधी घटनाएं भारत में ही नहीं बल्कि विश्व व्यापी स्तर पर व्याप्त हैं। इसके उन्मूलन के लिए विश्व के कई देश कई प्रकार के कार्यक्रम एवं जन जागरुकता का कार्य कर रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका विश्व व्यापी संस्था यूनिसेफ अदा कर रही है, जिसके तत्वावधान में भारत में सभी राज्यों में कई प्रकार के योजनाएं कार्यक्रम सुधार नीतियां एवं आमजन में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब तक आम जनता इसके प्रति जागरुक नहीं होगी तब तक बालकों के प्रति हिंसा की घटनाओं पर रोक लगाना असंभव है। बालकों के बालिकाओं के प्रति कोई भी किसी भी प्रकार की घटना होती है तो तुरंत जनमानस को इसके बारे में तात्कालिक जागरुक होकर उसे रोकने के लिए उपाय करना चाहिए। इसके लिए विभिन्न प्रकार की संस्थाएं एवं शासन कड़े कदम उठा रहा है और तीन स्वयं सेवक प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे जिनमें अंकित सिंह भदौरिया ने बाल बच्चा वृत्ति के बारे में विस्तार से बताया एवं हेमंत कुमार ने बाल तस्करी पर अपने विचार व्यक्त किए। अभिषेक ने बालक और बालिकाओं के प्रति यौन हिंसा एवं दुराचार के बारे में तथा उससे संबंधित कानून के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसके साथ साथ वरिष्ठ स्वयं सेवक सौरव खण्डेलवाल ने बालकों के प्रति बनाए गए कानून एवं समय-समय पर उस में आए हुए परिवर्तन तथा तात्कालिक वर्तमान परिवेश में उनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में अंशुल हरिओध ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में सोमेश हरिओध, प्रियांशु सविता, नेहा दोहरे, लक्ष्मी भदौरिया, सेजल राजावत, प्रियंका राजावत के साथ-साथ आदि स्वयं सेवक मौजूद थे।