आप केवल कर्मचारी नहीं, परिवर्तन के दूत हैं : सिंधिया

– केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने ग्रामीण डाक सम्मेलन को किया संबोधित
– स्पीड पोस्ट से जल्द ही होगी 24-48 घंटे में डिलीवरी

केवड़िया/अहमदाबाद, 24 अक्टूबर। केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को गुजरात के केवड़िया में आयोजित ग्रामीण डाक सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्यभर से आए ग्रामीण डाक सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप केवल डाक कर्मचारी नहीं, बल्कि उस भारत की धड़कन हैं जो हर गांव और घर तक सेवा, संवाद और विश्वास पहुंचाता है।
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने ग्रामीण डाक सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि वे भारत सरकार और प्रत्येक नागरिक के बीच वह अटूट कड़ी हैं, जो कठिनतम भौगोलिक परिस्थितियों में भी सेवा का संकल्प निभाते हैं। उन्होंने कहा कि आप वहां पहुंचते हैं जहां सड़कें नहीं जातीं, जहां नेटवर्क नहीं पहुंचता पर आपकी सेवा वहां भी देश को जोड़ती है। आप वह संवेदना हैं जो किसी वृद्धा के पेंशन पत्र में मुस्कान बनकर लौटती है, आप वह आत्मीयता हैं जो किसी बेटी की सुकन्या योजना को उजाला बनाती है। उन्होंने बताया कि गुजरात में 27 हजार से अधिक ग्रामीण डाक सेवक कार्यरत हैं, जिन्होंने पिछले वर्ष 5.69 करोड़ डाक वस्तुएं वितरित कीं और 40 लाख से अधिक बचत खातों का संचालन किया। उन्होंने कहा कि जब सेवा भावना संकल्प में बदलती है, तो असंभव भी संभव बन जाता है।
परंपरा से प्रौद्योगिकी तक परिवर्तन की गाथा का प्रमाण है भारतीय डाक
सिंधिया ने कहा कि भारतीय डाक अब केवल पत्र और पार्सल की सेवा नहीं रहा, यह आज देश का सबसे बड़ा डिजिटी एण्ड फाइनेंशियल इन्क्लूजन नेटवर्क बन चुका है। उन्होंने बताया कि विभाग अब बैंकिंग, बीमा, बचत, पेंशन और म्युचुअल फंडस केवाईसी सेवाएं भी प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग जल्द ही स्पीड पोस्ट के माध्यम से 24 से 48 घण्टे के भीतर डिलीवरी सेवा शुरू करेगा, जिससे नागरिकों को और अधिक सटीक और भरोसेमंद डाक सुविधा मिलेगी।
आप हमारी शान हैं, भारत के दिल की धड़कन हैं
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि अब समय केवल समर्थन का नहीं, साझेदारी का है। जब हर शाखा डाकघर शासन का नया केन्द्र बनेगा, जब हर पार्सल कारोबार 10 गुना बढ़ेगा, तब हमें केवल कर्मचारी नहीं, बल्कि परिवर्तन के दूत चाहिए। डाक कर्मचारी केवल डाक सेवक नहीं, राष्ट्रसेवक हैं। आपकी निष्ठा और समर्पण ही भारत का भविष्य है। जब आप बिना थके, बिना रुके सेवा करते हैं, तभी भारत आगे बढ़ता है।