– सिद्धबाबा दरबार ग्राम बरहा में श्रीराम का शुभारंभ
भिण्ड, 04 अक्टूबर। लहार क्षेत्र के ग्राम बरहा में सिद्धबाबा महाराज के दरबार पहलवान उपाध्याय दाऊ परिवार द्वारा आयोजित संगीतमय रामकथा की शुरुआत आईये हनुमानजी महाराज, पधारिये पवन कुमार भजन गाते हुए की। उन्होंने कहा कि केवल, और केवल हनुमान जी की कृपा से इस पावन धरती में रामकथा का चार दिनों का आयोजन है, सबसे पहले में सिद्धबाबा महाराज के चरणों में प्रणाम करता हूं। इसमें मुख्य यजमान गायत्री देवी बृजकिशोर उपाध्याय एवं व्यवस्थापक रामकुमार उपाध्याय हैं।
राकेश रामायणी महाराज जी ने कहा कि सिद्धबाबा के चरणों में चार दिनों तक हनुमान जी को केन्द्र में रखते हुए उनके गुण गाऊंगा, इस कथा का केन्द्र विचार है, हम यहां मानस पावन तनैय करेंगे, हनुमान जी के नाम कई हैं, हनुमान जी सतनाम हैं, हनुमान जी, पवनपुत्र, मारुति, मारुतिपुत्र, पवन तनय ऐसे कई नाम हैं। इस कथा के केन्द्र में हनुमान जी रहेंगे। संत तुलसीदास ने रामचरित मानस में साहस किया कलम उठाई और लिखा अतुलित बलधामा। जैसे रामचरित मानस में एक पक्ति है हरी कथा अनमोल हनुमान जी की कथा भी अनंत है। हनुमान जी का चरित्र एक अद्भुत चरित्र, अवधूत चरित्र, अलौकिक चरित्र और एक अनुभूति देने वाला चरित्र है। किष्किंधा काण्ड के समापन में जब गरुण जी ने एक बात बताई कि माता सीता लंका में बंदी बनाई गई हैं। यह कहकर गरुण जी स्वर्गलोक को सुधार गए। अंगद, जामवंत की बात चल रही है, हनुमान जी शांत बैठे हैं कि सठयोजन सागर पार कौन करेगा? अंगद जी कहते हैं मैं जा तो सकता हूं वापस नहीं लौट सकता। जामवंत जी कहते है कि मैं वृद्ध हूं। उसी समय जामवंत हनुमान जी को जगाते हुए कहते हैं कि आप पवन तनय हैं आपका पौरूष पवन की तरह है, वह हनुमान जी को स्मरण कराते हैं कि आपका जन्म रामकार्य के लिए हुआ है जो लक्ष्य मिला है उसे प्राप्त करना है। रामचरित मानस में बारह कसौटी हैं, कसौटी को हम अग्नि परीक्षा कहते हैं, जब कसौटी आए तो हनुमंत तनय उसके बारे में रास्ता बताता है, जब तक मां जानकी की अग्नि कसौटी नहीं हुई तब तक रामराज नहीं आया। रामायण में पांच कसौटी हैं- सती कसौटी, जानकी परीक्षा, किशोरी जी की कसौटी, भरत जी की कसौटी एवं कागभूषण महाराज की परीक्षा इन कसौटियों और समस्याओं को समाप्त करने के लिए उनके बीच में उतरना पड़ता है, अग्नि में मां जानकी चलकर गईं, आग को शीतल समझा तब रामराज आया। मैंने रामचरित मानस की कथा की कृपा से पूरी दुनिया देखी है। अब केवल स्वर्ग रह गया है, स्वर्ग जाना है, परंतु मुझे नहीं जाना, इन्द्र कहेगा कि मैंने उसके यहां कथा नहीं की।
पांच चरित्रों का ग्रंथ है रामचरित मानस
राकेश जी रामायणी ने कहा कि रामचरित मानस में पांच चरित्रों का ग्रंथ है- रामचरित, सीता चरित, हनुमान चरित, भरत चरित, बाबा बुष्टि चरित्र। रामचरित मानस पंचा चरित्र अमृत है रामकथा दिव्य कथा, सिद्धकथा है, हम इनका नौ दिनों तक गुणगान करेंगे।
रामचरित मानस समस्याओं का समाधान : योगेश्वरी देवी
दीदी योगेश्वरी देवी ने कहा कि रामचरित मानस समस्त समस्याओं का समाधान है। कसौटी की समस्याओं से भागे नहीं बल्कि उनका सामना करें। कोई भी फल कर्म से मिलता है। संतो के साथ स्पर्धा को खत्म करती है, कामनाएं खत्म करती है उसके बाद जो दिखती है वह है श्रद्धा। कसौटी की कृपा के बाद राम राज्य और प्रेम राज्य आता है। अग्नि भी कसौटी, पवन भी कसौटी, धरती भी कसौटी, आसमान भी कसौटी है, जल भी कसौटी है। सब समस्याओं का समाधान रामचरित मानस और भागवत गीता है। रामचरित मानस का आरंभ संषय से है, मध्य समाधान है और अंत शरणागति और भागवत गीता में भी यही क्रम है, रामचरित मानस समाधान देता है। उन्होंने उदाहारण देते हुए कहा कि पत्नी ने अपने पति से कहा कि पेड पर चढ़ जाओ पति बोला मैं पेड़ पर चढ़ना नहीं जानता, पत्नी ने कहा कि आप तो इंसान हैं, बंदर भी पेड पर चढ़ जाता है। पति ने दिल बड़ा किया, 15 दिन अभ्यास किया और फिर बताया पेड़ पर चढ़ना, पत्नी बोली ये कौन सी बड़ी बात है, बंदर भी पेड़ पर चढ़ जाता है, ये जगत समस्याओं का जंगल है, रामचरित मानस समस्याओं का समाधान है, हनुमान जी का चरित्र जीवन जीने की कला सिखाता है, पवन तनय को केन्द्र में रखते हुए हम हनुमान जी के चरित्र के परिक्रमा करेंगे।