मालनपुर में ठण्ड से ठिठुर रहे लोग और आवारा पशु

फाइलों में अलाव के नाम पर वजन बढा, जमीनी स्तर पर नहीं है अलाव और कंबल

भिण्ड, 13 जनवरी। सर्दी का कहर अपने परवान पर है, तापमान पिछले पांच दिनों से अपने न्यूनतम रिकार्ड पर है जो कि सुबह और शाम होते ही ज्यादा दिखता है। हर तरफ सर्दी की मार से लोग घरों में दुबके और आवारा पशु कडाके की ठण्ड में सडकों पर इधर-उधर भटकते हुए कई प्रकार की घटनाओं का शिकार बन रहे हैं। स्थानीय नगर परिषद ने सर्दी से राहत के लिए चौक चौराहा पर अलाव की व्यवस्था नहीं की है।

सूत्रों से पता चला है कि स्थानीय नगर परिषद द्वारा मालनपुर में जो अलाव के पॉइंट चुने गए थे उनके नाम पर नगर परिषद द्वारा मात्र एक से दो क्विंटल लकडी लेकर कुछ ही जगह पर जलाई जा रही है, जिसमें से आधी लकडी तो नगर पालिका में रुकने वाले कर्मचारी ही रात के समय में जला लेते हैं। इससे यह प्रतीत होता है कि नवीन नगर परिषद अलाव के नाम पर घोटाले कर रही है। लोग नगर प्रशासन से आस लगाए बैठे हैं कि चौक-चौराहा पर अलाव का इंतजाम कर देगी, लोग सडक किनारे कार्टून और रद्दी कपडे जलाकर ठण्ड से बच रहे हैं। गौ सेवक जगह-जगह ठण्ड से ठिठुर रही गाये और आवारा पशुओं को इधर-उधर से ईंधन की व्यवस्था कर ठण्ड से बचाव कर रहे हैं। लेकिन नगर परिषद द्वारा इसके लिए अभी तक कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। इस भीषण ठण्ड के बाद भी अलाव की व्यवस्था अब तक नहीं हुई है, शाम होते ही पारा लुढक जाता है जो रात में आफत बन जाता है। ज्यादातर लोग बाजार के कार्यों को शाम होते ही निपट कर घरों में दुबक जाते हैं, वहीं नगर के दुकानदार भी ग्राहकों की कम आवाजाही पर जल्द ही दुकान बंद कर घर की ओर निकल रहे हैं। अलाव की व्यवस्था न होने पर आवारा पशु व गरीब लोग परेशान हैं, अलाव के सहारे ही वह अपनी रात गुजारते हैं, लेकिन अलाव की व्यवस्था नहीं होने से उनके सामने रात गुजारना एक कठिन चुनौती है।

इनका कहना है-

मालनपुर क्षेत्र में कहीं भी अलाव की व्यवस्था नगर परिषद द्वारा नहीं की गई है, जिस कारण नगर के आवारा पशुओं को इस कडकडाती ठण्ड में काफी परेशानियां हो रही हैं, इस बारे में हम गौसेवक संघ के सभी सदस्य मिलकर नगर परिषद में इकट्ठा होंगे।
दीपक रजक, जिला अध्यक्ष, राष्ट्रीय गौ सेवक संघ

इस कडकडाती ठण्ड में नगर परिषद द्वारा कहीं भी अलाव जलते नहीं देखा है, ना चौराहे पर और कहीं अलाव जलाने की व्यवस्था अभी तक नहीं की गई है।
स्थानीय दुकानदार