भिण्ड, 23 सितम्बर। सामाजिक न्याय परिसर में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग द्वारा मिशन वत्सल अंतर्गत आयोजित प्रशिक्षण में खण्ड स्तरीय समिति के प्रतिभागियों को बाल संरक्षण के विषय में अवगत कराया गया।
कार्यशाला में जानकारी दी गई की किशोर संरक्षण अधिनियम के तहत 18 वर्ष से कम आयु का बालक, बालिका है और ऐसे समय बच्चों के देखने एवं संरक्षण के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित हैं। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों नहीं हैं अथवा ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दोनों में से किसी एक की मृत्यु हो गई है, ऐसे बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना एवं स्पॉन्सरशिप योजना के तहत लाभान्वित किया जा सकता है। प्रत्येक आंगनबाडी कार्यकर्ता और खण्डेश्वरी समिति के सदस्य तथा शौर्य दल के सदस्य अपने क्षेत्र अंतर्गत ऐसे बच्चों का चिंतन कर तत्काल समस्त आवश्यक दस्तावेजों तैयार कर जिले में भेजें, जिससे अधिक से अधिक बच्चों को लाभान्वित किया जा सके।
कार्यशाला में बेटी बचाओ योजना के तहत जिला अंतर्गत घटते लिंगानुपात के विषय में प्रकाश डालते हुए अवगत कराया गया कि जिले का वर्तमान लिंगानुपात 838 है, जो निश्चित तौर पर जेंडर भेदभाव एवं महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण के निर्माण में बाधक है। कार्यशाला में पीसीपीएनडीटी एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया गया कि कन्या भ्रूण हत्या अथवा गर्भस्थ शिशु प्रशिक्षण पूर्णत प्रतिबंधित है एवं ऐसा कराई पाए जाने पर संबंधित डॉक्टर और संबंधित व्यक्ति दोनों को जुर्माना सजा अथवा जर्मन और सजा दोनों का प्रावधान है। हमारा यह कर्तव्य हम बच्चों में भेदभाव ना करें और बेटा बेटी को सामान माने तभी उनके लिए एक सुरक्षित वातावरण निर्माण हो सकता है बच्चियों को पढने एवं आगे बढाने के समस्त अवसर प्रदान करें।
प्रशिक्षण के अगले चरणों में शौर्य दल सदस्यों ने संवेदन कार्यक्रम किया जिसमें शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाकर उन्हें अपने क्षेत्र में इन योजनाओं से लोगों को जोडने की कार्रवाई हेतु अपेक्षा की गई। महिलाओं में व्यक्तिगत स्वच्छता एवं किशोरियों में व्यक्तिगत स्वच्छता के संबंध में कविता योजना के तहत प्रशिक्षण भी दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगभग 150 प्रतिभागी और परियोजना अटेर की पर्यवेक्षक महिला बाल विकास भिण्ड से आंकडा विश्लेषक जितेन्द्र शर्मा, लेखपाल आनंद मिश्रा उपस्थित रहे।