पाठक मंच रौन द्वारा खुशबू काव्य संध्या एवं सम्मान समारोह आयोजित
भिण्ड, 30 अगस्त। मुंह से निकलने वाला प्रत्येक शब्द तथा उसकी ध्वनि वायु मण्डल में सदा विद्यमान रहती है। शब्द ब्रह्म है इसका प्रभाव दूरगामी होता है। वर्ण, शब्द, वाक्य की त्रयी से निर्मित कविता हमें बौद्धिक जगत का भ्रमण करवाती है। वाक् संयम, विश्व मैत्री का प्रथम सोपान है। यह बात राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला ने पाठक मंच रौन द्वारा आयोजित खुशबू काव्य संध्या एवं सम्मान समारोह 2021 का संचालन करते हुए व्यक्त किए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि साहित्यकार डॉ. सुखदेव सिंह सेंगर एवं अध्यक्षता वरिष्ठ गीतकार तथा मंच संयोजक डॉ. शिवेन्द्र सिंह शिवेन्द्र ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में रौन के प्राचार्य एवं पूर्व खण्ड शिक्षा अधिकारी दशरथ सिंह कौरव, ओज कवि हरिहर सिंह मानसभृंग लहार, व्यंग्यकार हरीबाबू शर्मा निराला मिहोना, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भिण्ड की सलाहकार अधिकारी श्रीमती संगीता तोमर मंचासीन थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुखदेवसिंह सेंगर ने कहा कि साहित्य जन-जीवन का इतिहास है। अत: पाठकों को प्रेरक साहित्य व्यहृत कर बच्चों को संस्कारित करना चाहिए।
अपने सारगर्भित उद्बोधन में अतिविशिष्ट अतिथि डॉ. विनोद सक्सेना भिण्ड ने कहा कि लिखने के पूर्व हमको बार-बार पढऩा चाहिए। एक पृष्ठ लिखने के लिए सौ पृष्ठ पढऩा चाहिए। यदि हम पढ़ेंगे नहीं; चिंतन-मनन नहीं करेंगे; विचार नहीं करेंगे तो हमारा लेखन कुंठित तथा आधारहीन रहेगा। लिखने की अपेक्षा पढऩा दुरूह अवश्य है किंतु यह दुरूहता ही साहित्य का द्वार है। पाठक मंच ने ब्लॉक स्तर पर इकाईयां गठित करने का निर्णय लेकर साहित्य के विकास व विस्तार की दिशा में ठोस पहल की है।
खुशबू काव्य संध्या एवं सम्मान समारोह में सेवानिवृत्त शिक्षक चुटकुला किंग पुत्तन सिंह ददा महदवा ने अपने चुटीले अंदाज में से सबको गुदगुदाया। इस अवसर पर आए हुए कवियों ने रचना पाठ किया। इनमें आलमपुर के बुंदेली रचनाकार हरनारायण हिन्डोलिया, ग्वालियर के शायर रजा ग्वालियरी, शायर उमर भोपाली धौलपुर, मिहोना के हरीबाबू निराला, हरिशंकर गुप्ता, मुन्नालाल गुप्ता, लहार से हरिहर सिंह, कीरत सिंह यादव, ररी से सुरेन्द्र शर्मा, जैतपुरामढ़ी से जितेन्द्र त्रिपाठी अमित, रौन से जयप्रकाश पांडे चाचा, शिरोमणि प्रसाद बघेल अनुरागी, रामप्रकाश बघेल बैरागी, कुंवर सिंह बसंत ने कविता पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पाठक मंच के संरक्षक शिवराम सिंह कुशवाह पूर्व सरपंच एवं सेवानिवृत्त जिला सहायक शिक्षा अधिकारी तथा मार्गदर्शक पूर्व प्राचार्य एवं पूर्व खण्ड शिक्षा अधिकारी भीष्म प्रसाद त्यागी ने मंचासीन कवियों का शॉल श्रीफल भेंट कर सम्मान किया।
पाठक मंच के संयोजक डॉ. शिवेन्द्र सिंह शिवेन्द्र ने कहा कि पाठक मंच का उद्देश्य अच्छा साहित्य पाठकों तक पहुंचाना है। ग्रामीण अंचल में जो साहित्यकार लेखन से जुड़े हैं, जिनकी पांडुलिपि तैयार है, उनकी पांडुलिपि को सरकारी मदद से प्रकाशित करवाना भी पाठक मंच का उद्देश है। जिस पांडुलिपि को संस्कृति परिषद की निर्णायक समिति स्वीकृत कर देती है उनको शासकीय अनुदान मिलता है। अंत में रविंद समाधिया ने उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया।