शाजापुर, 20 मार्च। विशेष न्याायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) एवं चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश शाजापुर के न्यायालय ने दो मामलों में आरोपियों को सजा सुनाई है। प्रकरणों में शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी शाजापुर देवेन्द्र कुमार मीना के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक शाजापुर प्रतीक श्रीवास्तव ने की।
लोक अभियाजन शाजापुर के जिला मीडिया प्रभारी सचिन रायकवार ने एडीपीओ प्रतीक श्रीवास्तव के हवाले से जानकारी देते हुए बताया कि एक मामले में आरोपी भैरू गुर्जर पुत्र दूलाजी उम्र 30 वर्ष निवासी जीरापुर रोड थाना छापीहेडा ब्यावरा, जिला राजगढ़ को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5(एल)/6 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं तीन हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 368 भादंवि में तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड, आरोपी गोविन्द पुत्र घीसालाल उम्र 20 वर्ष निवासी हरिजन कॉलोनी, डोंगरगांव, थाना सोयत, जिला आगर मालवा को धारा 363 भादंवि में भोगी गई कारावास की अवधि दो वर्ष छह माह एक दिन एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड तथा आरोपिया भगवतीबाई पत्नी धर्मा उम्र 35 वर्ष निवासी हरिजन कॉलोनी, डोंगरगांव, थाना सोयत, जिला आगर मालवा को धारा 363 भादंवि में भोगी गई कारावास की अवधि दो वर्ष दो माह 26 दिन एवं दो हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया गया है। दूसरे मामले में आरोपी भैरू गुर्जर पुत्र दूलाजी उम्र 30 वर्ष निवासी जीरापुर रोड थाना छापीहेडा जिला राजगढ़ को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5(एल) व 5(जे)(2), सहपठित धारा 6 में 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं तीन हजार रुपए अर्थदण्ड तथा धारा 366 भादंवि में तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों एवं अभिलेख पर आई साक्ष्य से सहमत होकर आरोपीगण को दोषी पाते हुए दण्डित किया है।