29 अगस्त तक चेम्बर की मांगें नहीं मानीं तो होगा आंदोलन
ग्वालियर, 24 अगस्त। मप्र चेंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (एमपीसीसीआई) ने मंगलवार को गारबेज शुल्क के विरोध में संभागीय आयुक्त आशीष सक्सैना को ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर एमपीसीसीआई अध्यक्ष विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष प्रशांत गंगवाल, मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष वसंत अग्रवाल सहित पूर्व मानसेवी संयुक्त सचिव डॉ. प्रकाश अग्रवाल, कार्यकारिणी समिति सदस्य रामनिवास अग्रवाल, संजय कपूर, विश्वास जैस्वानी, विनोद बिजपुरिया, दीपक जैस्वानी, अंकुर अग्रवाल, मुकुंद माहेश्वरी, मनोज सरावगी, किशोर कुकरेजा, संजय धवन, संदीप वैश्य, सदस्य महेन्द्र कुमार साहू, दीपक जैन, अजय जैस्वानी, अरुण गुप्ता, अनिल गुप्ता, ओमप्रकाश जाजोरिया, धनेश जैन, रामनिवास माहेश्वरी, आशीष अग्रवाल आदि उपस्थित थे।
एमपीसीसीआई द्वारा गारबेज शुल्क पर दिए गए ज्ञापन में मांग की गई है कि नगर निगम ग्वालियर द्वारा वर्ष 2021-22 के संपत्ति कर के साथ शहर वासियों से ‘गारबेज शुल्कÓ वसूल किया जा रहा है, जबकि 19 सितंबर 2020 को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के सानिध्य में तत्कालीन संभागीय आयुक्त बीएम ओझा के साथ आयोजित बैठक में यह तय हुआ था कि गारबेज शुल्क के अस्तित्व को तय करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा और समिति जब तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करती है, तब तक गारबेज शुल्क को स्थगित रखा जाएगा। उक्त समिति में एमपीसीसीआई सहित सभी वर्ग के प्रतिनिधियों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। बावजूद इसके आज दिनांक तक नगर निगम प्रशासन द्वारा समिति का गठन नहीं किया गया है। साथ ही, बैठक में यह भी तय हुआ था कि समिति द्वारा इस पर जो रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी, उसके पश्चात ही गारबेज शुल्क के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
एमपीसीसीआई पदाधिकारियों ने कहा है कि गारबेज शुल्क की वसूली पर तत्काल रोक लगाई जाए और ऊर्जा मंत्री के सानिध्य में आयोजित उक्त बैठक में लिए गए निर्णयानुसार तत्काल समिति का गठन किया जाए और समिति द्वारा जो भी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए, उसके पश्चात ही गारबेज शुल्क के संबंध में निर्णय लिया जाए। इसके साथ ही संपत्ति कर छह प्रतिशत छूट के साथ जमा करने की तिथि को दो माह और बढ़ाया जाए, ताकि शहर वासी अपना संपत्ति कर जमा करा सकें एवं गारबेज शुल्क जमा करने के लिए शहर वासियों को बाध्य नहीं किया जाए। एमपीसीसीआई की उपरोक्त मांगों पर 29 अगस्त तक निर्णय लिया जाए अन्यथा की स्थिति में हमें आंदोलन करना पड़ेगा, जिसकी समस्त जबावदारी जिला प्रशासन की होगी। संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना ने कहा कि ज्ञापन में जो मांगें की गई हैं, उस पर शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जाएगा और शीघ्र ही इसके निराकरण का प्रयास किया जाएगा।