नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़ा, कब तक बचेंगे मान्यता देने वाले अधिकारी : डॉ. गोविन्द सिंह

भिण्ड, 14 अक्टूबर। मप्र में नर्सिंग कॉलोजों में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से कराने के आदेश माननीय उच्च न्यायालय ने दिए हैं, लेकिन जिन अधिकारियों ने आंखें बंद करके और भारी भरकम रकम लेकर मान्यता दी है, उन अधिकारियों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मुख्यमंत्री का ‘जमीन में गाढ़ दूं और उल्टा लटका दूंगा’ वाले डायलॉग टांय-टांय फिस्स नजर आ रहा है।
मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा कि नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता देने संबंधी नियम व निर्धारित मापदण्ड तय हैं, लेकिन नर्सिंग काउंसिल व अन्य अधिकारियों ने मोटी रकम लेकर मप्र नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम-2018 के प्रावधानों का उल्लंघन कर दो-दो कमरों वाले कॉलेजों को मान्यता का लाईसेंस गरीबों को लूटने के लिए दिया है। मान्यता देने वाले अधिकारियों ने न तो फिजीकल बेरीफिकेशन किया है और न ही मौके पर जाकर स्टाफ की जानकारी ली। नतीजन माननीय उच्च न्यायालय को कार्रवाई करनी पड़ी। सरकार की अनदेखी पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कड़ी फटकार लगाई, उसके बाद हड़कंप तो मचा, लेकिन वे अधिकारी बच गए जिन्होंने लाखों रुपए लेकर मान्यता दी और मिल बांटकर रकम डकार ली।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा कि कई गरीब छात्र-छात्राओं के अभिभावकों ने जमीन गिरवी रख कर साहूकारों से रकम लेकर अपने बच्चों का दाखिला कराया और फीस जमा की, उन कॉलेजों के बंद होने से उन छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है। नेता प्रतिपक्ष ने मांग की है कि मुख्यमंत्री अपने डायलॉग पर अमल कर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करें, तभी दूध का दूध और पानी का पानी हो पाएगा।