वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम आईटीआई परिसर में आयोजित
भिण्ड, 06 अक्टूबर। वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस के मुख्य आतिथ्य में शा. आईटीआई परिसर भिण्ड में किया गया। इस दौरान आरबीआई जीएम महेन्द्र कुमार सोनी, नवार्ड डीडीएम आशीष जे श्रीवास्तव, एजीएम जसविंदर सिंह, कर्नल संजय सिंह ठाकुर, एलडीएम प्रताप सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने शिक्षा के महत्व को समझाते हुए कहा कि शिक्षा हर व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। एक व्यक्ति जितना अधिक शिक्षित होता है, जीवन में उसकी सफलता की संभावना उतनी ही अधिक होती है अर्थात व्यक्ति की सफलता उसकी शिक्षा पर निर्भर करती है। वहीं दूसरी ओर वित्तीय शिक्षा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें पैसे को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से परिपूर्ण करती है। वित्तीय साक्षरता से व्यक्तिगत वित्तीय प्रबंधन, बजट और निवेश सहित विभिन्न वित्तीय कौशल को समझने और लागू करने की क्षमता विकसित होती है। यह ज्ञान व्यक्तियों को आत्म निर्भर बनने में मदद करता है ताकि वे वित्तीय स्थिरता प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रभावी वित्तीय नियोजन, ऋण का उचित प्रबंधन, ब्याज की सही गणना और धन के समय मूल्य को समझना वित्तीय रूप से साक्षर होने की विशेषताएं हैं।
कार्यक्रम में आरबीआई जीएम महेन्द्र कुमार सोनी ने वर्तमान में बैंक और सरकार की योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही वित्तीय साक्षरता के महत्व और उद्देश्य को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को हमेशा यह ध्यान देना चाहिए के उसके द्वारा कमाई की जाने वाली राशि और उसके खर्चों का अनुपात संतुलन में रहे और खर्चे कमाई से ज्यादा न हों। लोन लेते समय यह गणना करनी चाहिए कि जो लोन लिया जा रहा है उसकी किस्त गणना मे सम्मिलित हो। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को नियमित रूप से निवेश की आदत डालनी चाहिए और अपनी कमाई का निवेश करना चाहिए, जिससे भविष्य को सुरक्षित किया जा सके। व्यक्ति को अपने पैसों का निवेश करते समय ये जरूर देखना चाहिए के वो जहां निवेश कर रहा है वह व्यर्थ तो नहीं जा रहा।